बिहार के कैमूर में भभुआ-मोहनिया सड़क पर रविवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ. भभुआ के बारे गांव के रहने वाले चार युवकों की मौत स्कॉर्पियो और बाइक की टक्कर में हो गयी. चारो युवक एक ही बाइक पर सवार होकर जा रहे थे. स्कॉर्पियो ने जोरदार टक्कर मारी जिसकी आवाज दूर तक गयी. दो युवकों की मौत मौके पर हो गयी. एक ने अस्पताल में दम तोड़ा तो एक युवक हायर सेंटर रेफर किया गया और वाराणसी ले जाने के दौरान रास्ते में ही दम तोड़ गया. चारो आपस में दोस्त थे. एकसाथ चारो की अर्थी उठी.
चार दोस्तों की एकसाथ उठी अर्थी
मृतकों में बारे गांव के आदर्श, वीरेंद्र यादव, विकास कुमार और आदित्य तिवारी शामिल हैं. आदर्श अपने कुल का आखिरी चिराग था जो इस हादसे में बुझ गया. उसके एक भाई की मौत कुछ साल पहले हो चुकी थी. उसके दिल में छेद था. मनोज सिंह ने पांच साल के अंदर अपने दोनों बेटों को खो दिया.

बहन की डोली उठने से पहले भाई की उठी अर्थी
दूसरा मृतक वीरेंद्र यादव अपने पिता जितेंद्र यादव के साथ गुजरात में रहकर काम करता था. उसके बड़े पापा की बेटी की विदाई 30 अप्रैल को होनी है. वीरेंद्र इसमें शामिल होने के लिए शनिवार को ही गुजरात से अपने गांव आया था. अपने दोस्तों के साथ बाइक से गांव आ रहा था और उसकी मौत हो गयी. मृतक की मां अपने बेटे के शव से लिपटकर रोती रही. कहती रही कि ‘रात में जी भरकर बात भी नहीं कर सके. मन भरकर देख भी नहीं सके और हमें छोड़कर तुम चले गए…’

दोस्त की बहन की शादी में शामिल होने आया, दो दिन पहले काल ने निगला
बारे गांव का विकास कुमार गुजरात में रहकर काम करता था. उसके दोस्त की बहन की शादी 30 अप्रैल को होने वाली थी. जिसमें शामिल होने वो 10 दिन पहले गांव आया था. लेकिन शादी में शामिल होने से दो दिन पहले ही सड़क हादसे में उसे काल ने निगल लिया. मृतक के पिता प्रभु गौड़ राजमिस्त्री का काम करते हैं.

पिता की मौत के बाद अब बेटे की भी गयी जान
बारे गांव के आदित्य तिवारी की भी मौत इस हादसे में हुई है. जिसके पिता स्व. घनश्याम तिवारी की मौत 10 साल पहले हो चुकी थी. पिता की मौत के बाद आदित्य बाहर रहकर काम करने लगा और परिवार चलाने की जिम्मेवारी अब उसके ही कंधे पर थी. एक महीने पहले वह गांव आया था. मृतक एक बहन और दो भाई थे, सबसे बड़ी बहन है.
