संवाददाता, पटना भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि बिहार की जनता में चुनाव आयोग भ्रम फैला रहा है, लेकिन बिहार की जनता ऐसी नहीं है कि इनकी कोई भी बात को बिना सोचे-समझे मान ले. उन्होंने कहा एसआइआर पर अब कोई कन्फयूजन नहीं है. जब से 65 लाख लोगों के नाम की सूची आ गयी है, उसके बाद से लोगों ने मान लिया है कि यह नाम काटने का अभियान है. बात तो बांग्लादेशी घुसपैठिए की होती है, लेकिन नाम प्रवासी मजदूरों का काटा जा रहा है. दीपंकर ने कहा गुजरात का कोई नेता बिहार का मतदाता बन जाता है, लेकिन जो बिहारी गुजरात कमाने जाते हैं, उनका नाम काट दिया जा रहा है. एनआरआइए के लिए भी फाॅर्म छह- ए है, लेकिन बिहार के प्रवासी मजदूरों के लिए नहीं है. इसमें दो तरह के घोटाले भी चल रहे हैं. एक तो लाखों लोगों के घर का पता शून्य बता दिया गया. इन्हें चुनाव आयोग बेघर मतदाता बतला रहा है. फिर इनका वेरिफिकेशन कैसे हुआ. उनसे बातचीत कैसे हुई. यह सब कुछ सवालों के घेरे में है.दूसरा घोटाला यह है कि हमारी पार्टी व बीएलए की ओर से जो आपत्ति दी जा रही है, उस पर आयोग कह रहा है कि कोई भी आपत्ति दर्ज नहीं हुई है. मिंटू पासवान को खुद हम बिहार के चुनाव अधिकारी के कार्यालय में लेकर पहुंचे थे.
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