Digital Crop Survey: पटना. बिहार में अभी सर्वे का मौसम है. जमीन सर्वे से लोग परेशान थे ही, अब डिजिटल क्रॉप सर्वे ने लोगों को परेशान कर रखा है. आरा में चल रहे डिजिटल क्रॉप सर्वे में हुई एक गलती ने आरा के हजारों किसानों की नींद उड़ा दी है. भोजपुर जिले के 14 प्रखंड़ों के 45 हजार प्लॉटों का लोकेशन हिंद महासागर में दिखाई दे रहा है. बताया जा रहा कि अक्षांश और देशांतर में हुई तकनीकी खराबी के कारण ये गड़बड़ी दिख रही है. ये सभी किसानों की बंदोबस्त की हुई जमीन है.
कृषि विभाग का राजस्व विभाग पर आरोप
जिले में भूमि संरक्षण विभाग डिजिटल सर्वे के डेटा को विभागीय साइट पर अपलोड कर रहा है, लेकिन अक्षांश और देशांतर में गड़बड़ी के चलते कागजों में जिस जगह जमीन है, वहां न दिखकर हिंद महासागर में दिख रही है. वहीं इस मामले पर कृषि विभाग का कहना है कि गलती राजस्व विभाग से हुई है. राज्य में चल रहे जमीन सर्वे के डेटा को अपलोड करते वक्त अक्षांश और देशांतर बदल दिए. जिसके चलते 45 हजार प्लॉट की स्थिति बदल गई. अब इस गलती में सुधार के लिए जमीनों का लेखा-जोखा राजस्व विभाग को भेजा जा रहा है. जिससे इसमें सुधार हो सके.
31 जनवरी तक 10 लाख प्लॉट का होना है सर्वे
जमीन सर्वे के साथ-साथ डिजिटल क्रॉप सर्वे भी जारी है, जिसके जरिए किसानों की जमीन के बारे में वैज्ञानिक डेटा इकट्ठा करना है, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा. कृषि विभाग को 31 जनवरी तक 10 लाख प्लॉट का डिजिटल सर्वे पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है. 31 जनवरी तक 10 लाख प्लॉट का डिजिटल सर्वे होना है. फिलहाल एक गड़बड़ी के चलतेआरा के हजारों किसान परेशान हो गए हैं.
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