Bihar News: बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. अब बेटियां पढ़ाई में बेटों से आगे निकल रही हैं और हर कक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं. यू-डायस की रिपोर्ट में सामने आया है कि पांचवी से छठी और आगे की कक्षाओं में बेटियों का प्रदर्शन बेटों से बेहतर है. रिपोर्ट के अनुसार हर 100 लड़कों में 30 लड़के अगली कक्षा में प्रवेश नहीं ले पा रहे, जबकि लड़कियों में यह संख्या सिर्फ 26 है.
बेटों से आगे हैं बेटियां
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार सबसे निचले स्तर यानी प्री-स्कूल से कक्षा 2 तक की फाउंडेशन स्टेज में बेटियों का ट्रांजिशन रेट 100% है, जबकि लड़कों का 97% है. प्रीपेरेट्री स्टेज (कक्षा 3 से 5) से मिडिल स्टेज (कक्षा 6 से 8) में जाने पर 74% बेटियां अगली कक्षा में पहुंची, जबकि बेटों का प्रतिशत 69.7% ही रहा. आगे सेकेंड्री स्टेज (कक्षा 9 से 12) में प्रवेश के दौरान भी बेटियों का प्रदर्शन बेटों से बेहतर रहा. इस स्तर पर 68.9% बेटियां आगे बढ़ीं, जबकि बेटों का प्रतिशत 64.4% है.
समाज में बदलेगी सोच
रिपोर्ट से साफ है कि शिक्षा में बेटों की तुलना में बेटियां हर चरण में बेहतर कर रही हैं. यह बदलाव न सिर्फ शिक्षा की दिशा में सकारात्मक है, बल्कि बेटियों को लेकर समाज की सोच में भी बदलाव लाने वाला साबित हो सकता है. बेटियों का लगातार आगे बढ़ना शिक्षा में समान अवसर और बेहतर भविष्य की ओर एक बड़ी पहल है.
क्लास में बेटियों का दबदबा
कक्षा 3 से 5 से मिडिल स्टेज में जाने पर 74% बेटियां सफल हुईं, जबकि बेटों का प्रतिशत 69.7% हैं. वहीं कक्षा 9 से 12 में प्रवेश के दौरान 68.9% बेटियां आगे बढ़ीं, जबकि लड़कों में यह संख्या 64.4% ही रही.
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