बिहार में साइबर अपराध से निपटने के लिए एक बड़ी पहल की गई है. आर्थिक अपराध इकाई (EOU), बिहार ने शुक्रवार को अपने परिसर में सी-डैक पटना के सहयोग से ‘साइबर अनुसंधान एवं विकास केंद्र’ की शुरुआत की. इसका उद्घाटन ईओयू के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी), नैय्यर हसनैन खान ने किया.
साइबर अपराध की जांच को और बेहतर बनाएगा यह सेंटर- बोले नैय्यर हसनैन खान
नैय्यर हसनैन खान ने कहा कि यह केंद्र साइबर अपराध की जांच को और बेहतर बनाएगा और डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोगों को बढ़ावा देगा. उन्होंने बताया कि इस केंद्र में उभरते साइबर खतरों पर लगातार शोध किया जाएगा, खुफिया जानकारी का विश्लेषण किया जाएगा और भारतीय तकनीक पर आधारित उपकरण व सॉफ्टवेयर तैयार किए जाएंगे. इसके साथ ही कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की मदद से साइबर अपराध से लड़ने के नए उपाय खोजे जाएंगे.
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विशेष प्रशिक्षण की जरूरत पर बोले एडीजी
एडीजी ने कहा कि केंद्र में पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों के अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वे बदलते साइबर अपराध के तरीकों से निपटने में सक्षम हो सकें. इस मौके पर सी-डैक पटना के निदेशक आदित्य कुमार सिन्हा, ईओयू के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) संजय कुमार, डीआईजी डॉ. मानवजीत सिंह ढिल्लों और सी-डैक के संयुक्त निदेशक रितेश आर. घोटे भी मौजूद रहे.

25 और 26 जून को साइबर हैकाथॉन
ईओयू के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी), नैय्यर हसनैन खान ने यह भी बताया कि 25 और 26 जून को साइबर हैकाथॉन का आयोजन होगा. इसमें देशभर से युवाओं को बुलाया जाएगा, जो साइबर सुरक्षा और फॉरेंसिक से जुड़ी समस्याओं के व्यावहारिक समाधान पेश करेंगे. उन्होंने कहा, यह बिहार को साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी बनाएगा और युवाओं को तकनीकी रूप से मजबूत करेगा.