संवाददाता, पटना राज्य में एक अप्रैल से शुरू हुई ‘मुख्यमंत्री नीरा संवर्धन योजना’ को सफलतापूर्वक लागू करने और निगरानी के लिए मद्यनिषेध विभाग के अधिकारियों को अलग-अलग जिलों की जिम्मेदारी दी गयी है. इस योजना का उद्देश्य नीरा (ताड़ के पेड़ से निकलने वाला मीठा रस) के उत्पादन और बिक्री को बढ़ावा देना है. अधिकारी जिलों का दौरा कर यह सुनिश्चित करेंगे कि नीरा का सही तरीके से उत्पादन और बिक्री हो . ताड़ के रस को फर्मेंटेड (खमीरयुक्त) कर उसके उत्पाद बनाने तथा उपभोग पर रोक लगाने का भी दायित्व भी होगा. संयुक्त आयुक्त कृष्ण कुमार को अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले सौंपे गये हैं. उपायुक्त विकास कुमार को पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सीवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, भागलपुर, बांका और शिवहर की जिम्मेदारी मिली है. उपायुक्त संजय कुमार को दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुंगेर, जमुई, लखीसराय, शेखपुरा, बेगूसराय और खगड़िया जिले मिले हैं. उपायुक्त सुरेंद्र प्रसाद को पटना, अरवल, नालंदा, बक्सर, भोजपुर, कैमूर, वैशाली और छपरा तथा विशेष अधीक्षक आदित्य कुमार को सासाराम, औरंगाबाद, जहानाबाद, गया और नवादा जिले सौंपे गये हैं. मद्यनिषेध विभाग के संयुक्त सचिव संजय सरकार ने इस संंबंध में पत्र जारी किया है़ मद्यनिषेध विभाग के ये अधिकारी स्थानीय प्रशासन और जीविका समूहों के साथ मिलकर योजना को लागू करेंगे और उसकी निगरानी करेंगे.
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