– सचिव गोपाल मीणा ने पुराने भू-अर्जन के विलंबित मामलों का उदाहरण देकर समझाया – जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू संवाददाता, पटना राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों से कहा है कि भू-अर्जन में विलंब रोकना और विवाद कम करना मुख्य चुनौती है. इसे दूर करने के लिए रणनीति के साथ काम करने की जरूरत है. उन्होंने जोर देकर कहा कि कोर्ट में विवादों को कम करना और भू-अर्जन का अंतिम निष्पादन समय पर करना ही विभाग की प्राथमिकता होनी चाहिए. श्री मीणा ने ये बातें बुधवार को जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों और अपर जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों के दो दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर कहीं. इसका आयोजन राजस्व सर्वे (प्रशिक्षण) संस्थान, शास्त्रीनगर, पटना में किया गया था. इस अवसर पर भू-अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह, सहायक निदेशक आजीव वत्सराज, भू अर्जन विशेषज्ञ सुशील कुमार समेत अन्य वरीय अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान विभाग के सचिव गोपाल मीणा ने पुराने मामलों की केस स्टडी साझा करते हुए कहा कि भू- अर्जन में त्वरित कार्रवाई से परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी और विकास की गति बढ़ेगी. उन्होंने चेतावनी दी कि देरी की स्थिति में यह सरकार और रैयत दोनों के लिए नुकसानदेह साबित होता है. इस दौरान उन्होंने कई केस स्टडी भी अधिकारियों के सामने प्रस्तुत करते हुए समझाया. उन्होंने कुछ वैसे मामलों से अधिकारियों को अवगत कराया, जो थोड़ी-सी लापरवाही से वर्षों से लंबित हैं. उन्होंने सभी अधिकारियों से लंबित या विवादित मामलों में उचित कार्रवाई करने की सलाह सभी अधिकारियों को दी. वर्तमान परियोजनाओं की हुयी चर्चा भू-अर्जन निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने अधिकारियों की शंकाओं का समाधान करते हुये वर्तमान परियोजनाओं की चर्चा की. उन्होंने बताया कि पटना–पूर्णिया, रक्सौल–हल्दिया, गोरखपुर–सिलीगुड़ी, बक्सर-भागलपुर और वाराणसी–कोलकाता एक्सप्रेस वे का 1626.37 किमी भाग बिहार में है. इसके लिए 1,18,849.40 करोड़ रुपये स्वीकृत हैं. इन परियोजनाओं को वर्ष 2027 तक पूरा करना लक्ष्य है. उपरोक्त सभी परियोजनाएं राज्य की विकास की गति बढ़ायेंगी. इसलिए इन्हें समय पर पूरा करना लक्ष्य है. एक्ट पर हुयी चर्चा सहायक निदेशक आजीव वत्सराज ने एनएच एक्ट 1956 और रेलवे एक्ट 1989 की बारीकियों से अधिकारियों को अवगत कराया. साथ ही सीतामढ़ी के पुनौरा धाम में भू अर्जन की प्रक्रिया कम से कम समय में पूरा करने के सफलता का उदाहरण साझा किया. भू-अर्जन विशेषज्ञ सुशील कुमार ने समय पर भू-अर्जन के लाभ बताये.प्रशिक्षण कार्यक्रम में भू-अर्जन निदेशालय के सहायक भू-अर्जन पदाधिकारी कमल नयन कश्यप, रवि सिन्हा, पंकज कुमार झा एवं शिव जी समेत अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे.
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