-ए, बी और सी तीन भाग में रहेंगे प्रश्न व उत्तरपुस्तिका
-ऑस्ट्रेलिया में भी खुलेंगे सीबीएसइ के स्कूल
संवाददाता, पटना
सीबीएसइ के क्षेत्रीय निदेशक गोपाल लाल यादव ने कहा कि वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली 10वीं की बोर्ड परीक्षा दो बार होगी. इसलिए वर्ष 2026 की बोर्ड परीक्षा के पैटर्न में बदलाव किया गया है. 10वीं का प्रश्न पत्र तीन भाग ए, बी और सी में रहेगा. वहीं 32 पेज की उत्तर पुस्तिका भी तीन भाग ए, बी और सी में रहेगी. विद्यार्थियों को प्रश्नों का उत्तर पर भी इसी पैटर्न के तहत देना होगा. यानी जिस पार्ट का प्रश्न रहेगा, उसी पार्ट में उत्तर देना होगा. यदि विद्यार्थी ए पार्ट का उत्तर बी पार्ट में देते हैं, तो अंक नहीं मिलेगा और वह गलत हो जायेगा. सीबीएसइ के क्षेत्रीय निदेशक गोपाल यादव ने ये बातें पाटलिपुत्र सहोदय स्कूल कॉम्पलेक्स की ओर से शहर के एक होटल में आयोजित स्कूल प्रबंधकों व प्राचार्यों के साथ बैठक में कहीं. इससे पहले सहोदय स्कूल कॉप्लेक्स के अध्यक्ष डॉ राजीव रंजन ने अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान द्वारा विद्यार्थियों और स्कूल हित में किये जा रहे कार्यों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि 2026 में राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों और प्राचार्यों का सम्मेलन आयोजित होगा. सीबीएसइ के क्षेत्रीय निदेशक ने पाटलिपुत्र सहोदय स्कूल कॉप्लेक्स द्वारा किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा की. बैठक में क्षेत्रीय निदेशक गोपाल लाल यादव ने स्कूल प्राचार्यों से कहा कि 10वीं बोर्ड के विद्यार्थी प्रश्नों का उत्तर सही-सही तरीके लिखें, यह अभ्यास कराएं. अगर ऐसा नहीं करते हैं, तो बच्चों को सही अंक नहीं मिल पायेगा. बैठक के दौरान स्कूल प्रबंधकों ने मॉडल पेपर जारी करने को लेकर सवाल किया, तो इस पर उन्होंने कहा कि बोर्ड की ओर से बहुत जल्द वेबसाइट पर मॉडल पेपर अपलोड कर दिया जायेगा.10वीं के परीक्षार्थियों को नहीं मिलेगी एक्स्ट्रा कॉपी
स्कूल प्रबंधकों ने सवाल किया कि 10वीं के विद्यार्थियों द्वारा एक्स्ट्रा कॉपी की मांग की जाती है, तो क्या करना होगा. क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि एक्स्ट्रा कॉपी इस बार नहीं दी जायेगी. उन्होंने बताया की परीक्षार्थी पार्ट सी को अतिरिक्त उत्तरपुस्तिका के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन इसकी जानकारी विद्यार्थियों को देनी होगी.ऑस्ट्रेलिया में भी खुलेंगे सीबीएसइ के स्कूल
क्षेत्रीय निदेशक गोपाल यादव ने कहा कि भारत अपने स्कूल को ऑस्ट्रेलिया में भी विस्तार करने जा रहा है. बहुत जल्द इसको लेकर भारत सरकार और ऑस्ट्रेलिया के बीच एमओयू होगा. उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि सीबीएसइ की पहुंच अब ऑस्ट्रेलिया तक हो जायेगी. उन्होंने कहा कि लाखों बच्चों का भविष्य शिक्षकों के ऊपर है. शिक्षक बच्चों को पढ़ाने में ईमानदारी बरतें और स्कूलों को मिलने वाली राशि का सही-सही हिसाब दें. अगर स्कूल द्वारा दी गयी राशि का हिसाब ठीक नहीं पाया जायेगा तो उनकी संबद्धता समाप्त हो सकती है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

