Caste Census India: बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया. जनगणना के साथ ही देशभर में जातिय जनगणना भी करायी जाएगी. इसकी मंजूरी कैबिनेट ने दी तो बिहार में सियासी दलों के बीच क्रेडिट वॉर भी छिड़ गया.
नित्यानंद राय क्या बोले…
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मोदी सरकार के द्वारा जातीय जनगणना को कैबिनेट कमेटी ऑफ राजनीतिक अफेयर्स के द्वारा मंजूरी दिये जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह निर्णय मोदी सरकार का ऐतिहासिक फैसला है. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्ष सिर्फ जातीय जनगणना को लेकर अब तक राजनीति करने का काम कर रहा था. लेकिन, मोदी सरकार हर फैसला लोगों की बेहतरी को ध्यान मे रखकर करती है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने आज तक जाति जनगणना का विरोध किया है.
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सम्राट चौधरी ने क्या कहा?
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने देश में जातीय जनगणना कराने के केंद्र सरकार के ऐतिहासिक निर्णय के लिए बिहार की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. सम्राट चौधरी ने कहा कि यह कदम सभी जातियों के विकास के लिए नीतियां बनाने और उन्हें लागू करने में मील का पत्थर साबित होगा. उन्ंहोने कहा कि कांग्रेस की कर्नाटक सरकार अब तक जातीय सर्वेक्षण की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर पायी है. डिप्टी सीएम ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वेक्षण कराने का निर्णय विधानमंडल के दोनों सदनों से पारित सर्वसम्मत प्रस्ताव के आधार पर हुआ था.
संजय झा ने क्या कहा?
राज्यसभा सांसद और जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने बुधवार को आगामी जनगणना के साथ जातीय गणना भी कराने के ऐतिहासिक फैसले के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार जताया है. उन्होंने कहा है कि हमें विश्वास है कि इस फैसले से वंचित तबकों के कल्याण एवं उत्थान के लिए और अधिक कारगर योजना बनाने में मदद मिलेगी. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देश में सबसे पहले बिहार मे पूरी पारदर्शिता के साथ जातीय गणना करा कर उसका परिणाम भी सार्वजनिक कर दिया है.
विजय चौधरी ने नीतीश कुमार के लिए क्या कहा?
जदयू के वरिष्ठ नेता और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने प्रधानमंतर एवं केंद्र सरकार को देश में जाति जनगणना कराने का फैसला लेने के लिए धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि जाति जनगणना की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा पिछले कई वर्षों से उठायी जा रही थी. शुरू में तो केद्र सरकार ने असमर्थता दिखायी, जिस कारण बिहार में जाति गणना राज्य स्तर से ही मुख्यमंत्री ने करायी थी. मंत्री ने कहा कि अब प्रधानमंत्री ने सभी बाधाओं के बावजूद पूरे देश में जाति जनगणना कराने का फैसला लिया है, यह स्वागतयोग्य है. उन्होंने कहा कि सबसे हास्यास्पद तो कांग्रेस और राजद द्वारा श्रेय लेने की कोशिश है. सभी जानते हैं कि नीतीश कुमार के प्रयास से इंडिया गठबंधन बनने के बाद उन्होने प्रस्ताव दिया था कि जाति आधारित जनगणना कराने का मुद्दा पहला होना चाहिए.
जीतनराम मांझी क्या बोले?
केंद्रीय एमएसएमइ मंत्री जीतनराम मांझी ने कहा कि देश में जाति जनगणना कराने का फैसला ऐतिहासिक है. उन्होंने कहा कि जो लोग मोदी सरकार की नीयत पर शक करते हुए जाति जनगणना पर केवल राजनीति करते रहे, उनके हाथ अब खाली हो चुके है. अब देखना होगा कि आगे ये लोग कौन- सा राजनीतिक पैतरा अपनाते हैं.
क्या बोले उपेंद्र कुशवाहा?
राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि पार्टी ने चंपारण के वाल्मिीकिनगर में आयोजित तीन दिवसीय राजनीतिक मंथन शिविर में जातिगत जनगणना का निर्णय लिया था. देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने जातिगत गणना कराने पर मुहर लगा दी है. ये निर्णय ऐतिहासिक और क्रांतिकारी है.
चिराग ने इसे अपनी मांग बताया
चिराग पासान ने X पर लिखा- ‘मेरी और मेरी पार्टी की एक लंबे अरसे से मांग रही थी कि देश में जातीय आधारित जनगणना कराई जाए , आज इस मांग को स्वीकृति मिल चुकी है. इसको लेकर मैं देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार प्रकट करता हूं.
तेजस्वी यादव ने क्या कहा…
तेजस्वी यादव ने इस फैसले का पूरा क्रेडिट राजद को दिया. केंद्र की तरफ से जनगणना के साथ जातीय गणना कराने की घोषणा के संबंध मे राजद नेता तेजस्वी यादव ने मांग की है कि अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग की भांति अब पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के लिए विधानमंडल और संसदीय चुनाव में सीटें आरक्षित की जाये. उन्होंने कहा कि इससे कम पर हम समझौता नही करेंगे. उन्होंने यह बात बुधवार को पटना मे आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कही . नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि यह हमारी समाजवादी पुरखों की जीत है. इसके लिए हम लोगों ने सड़क,सदन और कोर्ट तक लड़ाई लड़ी है. उन्होने कहा कि केद्र को हमारे सामने झुकना पड़ा. हमें उम्मीद है कि परिसीमन से पहले ही जनगणना के साथ ही जातीय गणना करायी जाये.
लालू यादव ने क्या दावा किया? X पर पोस्ट किया
कांग्रेस का अपना दावा
बिहार कांग्रेस इकाई ने सोशल मीडिया पर लिखा-‘ हमने संसद में कहा था- हम ‘जातिगत जनगणना’ करवा के ही मानेंगे, साथ ही आरक्षण में 50% सीमा की दीवार को भी तोड़ देंगे।’
भाकपा माले महासचिव ने किसे दिया क्रेडिट?
भाकपा माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्यने कहा कि 2024 के संसदीय चुनावों में जाति जनगणना इंडिया गठबंधन की एक प्रमुख मांग रही है. बिहार में 2023 में जाति गणना हो चुकी है.केद्र सरकार द्वारा राज्य स्तरीय सर्वेक्षणों को राजनीति से प्रेरित बताना हास्यास्पद है, जबकि आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने का निर्णय भी बहुत देरी से घोषित किया गया है. आम जनगणना पहले से ही चार साल से विलंबित है.