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बिहार में जलमार्ग का विकास: आसान होगी सामानों की आवाजाही, पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा

Bihar News: नदियों के माध्यम से सामान की आवाजाही आसान करने के लिए बिहार में जलमार्ग विकास का कार्य शुरू किया गया है. नदियों के माध्यम से सामान की आवाजाही में आसानी के साथ यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. जलमार्ग से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

Bihar News: नदियों के माध्यम से सामान की आवाजाही आसान करने के लिए बिहार में जलमार्ग विकास का कार्य शुरू किया गया है. नदियों के माध्यम से सामान की आवाजाही में आसानी के साथ यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा. जलमार्ग से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.

इस साल होगा एजेंसी का चयन

मिली जानकारी के अनुसार गंगा सहित राज्य की अन्य प्रमुख नदियों में जलमार्ग को विकसित किया जाएगा. इसको लेकर परिवहन विभाग ने अपनी कवायद शुरू कर दी है और इस काम के लिए दक्ष एजेंसी की सहायता ली जाएगी. एजेंसी चयन का काम इस साल पूरा कर लिया जाएगा.

बिहार में जलमार्ग की असीम संभावनाएं

विभाग के अनुसार बिहार में जलमार्ग की असीम संभावनाएं हैं. इस संभावना को देखते हुए पोत परिवहन व्यवस्था को विकसित करने का निर्णय लिया गया है. जलमार्ग के माध्यम से न सिर्फ सामानों की आवाजाही आसान हो सकेगी बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल साबित होगा. इसके अलावा जलमार्ग के माध्यम से क्रूज का भी परिचालन किया जा सकेगा और इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. इस जलमार्ग विकसित करने के लिए सरकार के साथ-साथ निजी कंपनियों की भी मदद ली जाएगी.

बनेगा मास्टर प्लान

इस संबंध में सरकार की कोशिश है कि साल 2030 तक बिहार को जलमार्ग के मामले में नंबर वन राज्य बनाया जाए. इसको लेकर बनने वाले मास्टर प्लान में जलमार्ग से होने वाले लाभों के बारे में विशेष तौर पर जिक्र होगा. खास तौर पर जलमार्ग के उपयोग से राज्य की अर्थव्यवस्था में किस तरह का बदलाव आ सकता है, इस पर विशेष ध्यान केंद्रीत रहेगा.

अनुभवी एजेंसी को मिलेगा जिम्मा

बते दें कि विजन 2047 के मद्देनजर जलमार्ग की उपयोगिता क्या है, इस पर मास्टर प्लान में उल्लेख किया जाएगा. मास्टर प्लान तैयार करने के लिए उन्हीं एजेंसियों को जिम्मा दिया जाएगा जिनका इस क्षेत्र में अनुभव होगा. यही वजह है कि विभाग ने एजेंसियों के चयन से पहले उसकी पड़ताल करने का फैसला लिया है.

जलमार्ग से ये होंगे फायदे

रेल, सड़क या वायु मार्ग की तुलना में जलमार्ग से सामान की ढुलाई बहुत सस्ती पड़ती है. सड़क मार्ग से सामान को लाने व ले जाने में ढाई रुपए प्रति मीट्रिक टन खर्च आता है. वहीं रेलवे से सामान लाने व ले जाने में 1.41 रुपए प्रति मीट्रिक टन का खर्च आता है.

सामानों की आवाजाही पर घटेगा खर्च

जबकि, जलमार्ग से सामान की आवाजाही पर केवल 1.06 रुपए प्रति मीट्रिक टन ही खर्च आता है. इसलिए राज्य सरकार की तरफ से बिहार में जलमार्ग के क्षेत्र में व्यापक स्तर पर काम करने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया गया है.

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कच्ची दरगाह में बनेगा टर्मिनल

बता दें कि इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों का एक टास्क फोर्स भी बनाया जाएगा. आने वाले दिनों में कच्ची दरगाह में टर्मिनल बनेगा. इससे रेलवे, रोड व नदी का जंक्शन बनेगा. सोन से उत्तर बिहार के जिलों में जलमार्ग से बालू की आवाजाही हो सकती है. इसके साथ ही झारखंड से आने वाले पत्थर को भी जलमार्ग से लाया जा सकता है.

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Rani Thakur
Rani Thakur
रानी ठाकुर पत्रकारिता के क्षेत्र में साल 2011 से सक्रिय हैं. वर्तमान में प्रभात खबर डिजिटल के बिहार टीम में लाइफस्टाइल के लिए काम कर रहीं हैं.

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