Bihar News: पटना सिटी की तंग गलियां, गंगा किनारे पहुंचने में घंटों का जाम और धार्मिक आयोजनों के समय भारी भीड़—यह नजारा अब बदलने वाला है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को गंगा किनारे गायघाट से कंगन घाट होते हुए दीदारगंज तक सड़क चौड़ीकरण समेत कई बड़ी परियोजनाओं की नींव रखी.
करीब 341 करोड़ की लागत से बनने वाली इन योजनाओं से न सिर्फ स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि पटना साहिब आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को भी सुविधा होगी.
पूर्वी पटना में विकास की सौगात
पटना का पूर्वी इलाका हमेशा से ट्रैफिक जाम समस्या से जूझता रहा है. गंगा किनारे बसे इस हिस्से में न सिर्फ घनी आबादी रहती है, बल्कि धार्मिक आयोजनों और छठ महापर्व के समय यहां भारी भीड़ भी उमड़ती है.
हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पटना साहिब आते हैं, जहां गुरु गोविंद सिंह की स्मृतियां जुड़ी हुई हैं. ऐसे में जाम, अव्यवस्थित पार्किंग और बुनियादी सुविधाओं की कमी हमेशा बड़ी चुनौती रही है. मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसी चुनौती से निपटने के लिए कई परियोजनाओं का शिलान्यास किया, जिनकी कुल लागत 341 करोड़ रुपये से अधिक है.
सबसे महत्वपूर्ण योजना गंगा किनारे गायघाट से कंगन घाट होते हुए दीदारगंज तक करीब आठ किलोमीटर लंबी सड़क का चौड़ीकरण है. इस सड़क पर हर दिन भारी दबाव रहता है और अक्सर यहां जाम की स्थिति बनती है. अब 158 करोड़ रुपये की लागत से इसका चौड़ीकरण किया जाएगा, जिससे न केवल ट्रैफिक का दबाव कम होगा बल्कि छठ महापर्व या अन्य धार्मिक अवसरों पर गंगा तक पहुंचना भी आसान होगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सड़क के तैयार होने से पूर्वी पटना के आम लोगों के साथ-साथ बड़ी संख्या में आने वाले सिख श्रद्धालुओं को भी सहूलियत होगी.
गंगापथ डाउन रैंप से गायघाट सुविधा
योजनाओं में एक और अहम पहल जेपी गंगा पथ से गायघाट तक उतरने के लिए डाउन रैंप का निर्माण है. अभी तक यहां यू-टर्न की वजह से हमेशा जाम की स्थिति रहती है. करीब 62 करोड़ की लागत से बनने वाला यह रैंप न सिर्फ आवागमन को आसान बनाएगा बल्कि सड़क सुरक्षा भी बेहतर होगी. मुख्यमंत्री ने इसे विशेष तौर पर “सुविधा और राहत की परियोजना” बताया.
पटना साहिब के धार्मिक महत्व को देखते हुए कंगन घाट पर मल्टीलेवल पार्किंग का निर्माण भी शुरू किया जा रहा है. लगभग 100 करोड़ की लागत से बनने वाली यह पार्किंग वहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी सुविधा साबित होगी. हर साल लाखों श्रद्धालु तख्त श्री हरमंदिर जी पहुंचते हैं, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था न होने से स्थानीय लोगों और आगंतुकों दोनों को भारी परेशानी उठानी पड़ती थी.
मंगल तालाब का होगा कायाकल्प
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगल तालाब में भी पर्यटक और नागरिक सुविधाओं के विकास की नींव रखी. करीब 22 करोड़ की लागत से तालाब और आसपास के क्षेत्र को आकर्षक और सुविधाजनक बनाया जाएगा. ऐतिहासिक महत्व से जुड़े इस तालाब की मान्यता है कि गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने बचपन में यहीं स्नान किया था. इस धार्मिक स्थल को बेहतर सुविधाओं से जोड़ना न सिर्फ श्रद्धालुओं बल्कि पर्यटकों के लिए भी खास अनुभव लेकर आएगा.
इन परियोजनाओं का संदेश सिर्फ इतना नहीं है कि सड़क चौड़ी होगी, पार्किंग बनेगी या तालाब का विकास होगा. इसका गहरा असर पटना शहर के जीवन और संस्कृति पर पड़ेगा. एक तरफ जहां यह योजनाएं लोगों को ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से निजात दिलाएंगी, वहीं धार्मिक पर्यटन को भी नई रफ्तार देंगी. पटना साहिब आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा मिलेगी और स्थानीय लोगों का रोजमर्रा का जीवन भी आसान होगा.
जेपी गंगा पथ पर जेपी-अटल की झलक
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने जेपी गंगा पथ पर लोकनायक जयप्रकाश नारायण और अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीरें लगाने का भी निर्देश दिया. यह पहल यह दर्शाती है कि विकास केवल सुविधाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह शहर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्मृतियों को भी संजोने की कोशिश है.

