Bihar News: पटना समेत जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में गैर मानक छोटे निजी अस्पतालों पर अब स्वास्थ्य विभाग सख्ती बरतेगा. इस दिशा में प्रक्रिया शुरू भी कर दी गई है. ऐसे अस्पतालों की पहचान की जा रही है, जहां 25 से कम बेड हैं, न तो विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं और न ही प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी की व्यवस्था है.
गठित की गई टीम
जानकारी के अनुसार सिविल सर्जन के निर्देश पर ऐसे अस्पतालों की पहचान की जा रही है, जहां 25 से कम बेड हैं, न तो विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हैं और न ही प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी की व्यवस्था है. इसके लिए एक अलग टीम का गठन किया गया है. यह टीम अस्पतालों की जांच कर वहां तैनात विशेषज्ञ डाक्टरों और कर्मियों के बारे में जानकारी जुटाएगी.
अस्पताल के संचालन पर लग सकती है रोक
विभाग के अनुसार अगर अस्पताल मानक के अनुरूप नहीं पाए जाते हैं या वहां विशेषज्ञ डॉक्टर व तकनीकी कर्मियों की कमी पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है. यहां तक कि अगर लापरवाही पाई जाती है तो अस्पताल के संचालन तक पर रोक लगाई जा सकती है.
बिहार की ताजा खबरों के लिए यहां क्लिक करें
बिना विशेषज्ञ चिकित्सक के ही इलाज
जानकारी के अनुसार, पटना में कई छोटे निजी अस्पताल ऐसे भी हैं जिनके निदेशक डॉक्टर नहीं हैं. वे बिना विशेषज्ञ चिकित्सक के ही मरीजों का इलाज करते हैं. कई बार तो वह खुद ही इलाज करने लगते हैं. इस तरह के इलाज के बाद मरीजों की स्थिति गंभीर होने पर उसे आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एम्स या एनएमसीएच रेफर कर दिया जाता है. जानकारी मिली है कि इस तरह की कई शिकायतों के आधार पर ही स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई का निर्णय लिया है.
इसे भी पढ़ें: बिहार के इस जिले में 30 करोड़ से बनेगा बाइपास, दूरदराज के क्षेत्रों में बेहतर होगी कनेक्टिविटी

