27.2 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

नयी किताब में दावा, जदयू से इतर भाजपा के पास बिहार में लचीले रुख की गुंजाइश कम

नयी दिल्ली : एक नयी किताब में दावा किया गया है कि जद-यू से इतर भाजपा के पास लचीले रुख की गुंजाइश कम है और उसे नीतीश कुमार को राज्य में बड़े सहयोगी के तौर पर स्वीकार करते हुए उनके साथ ही रहना होगा. किताब “द बैटल ऑफ बिहार” में पत्रकार अरुण सिन्हा ने जल्द ही चुनाव का सामना करने जा रहे बिहार के सियासी रंगमंच और नीतीश कुमार के शासन से जुड़े घटनाक्रमों का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि बिहार अभी तीन सियासी रियासतों भाजपा, जदयू और राजद में बंटा है.

नयी दिल्ली : एक नयी किताब में दावा किया गया है कि जद-यू से इतर भाजपा के पास लचीले रुख की गुंजाइश कम है और उसे नीतीश कुमार को राज्य में बड़े सहयोगी के तौर पर स्वीकार करते हुए उनके साथ ही रहना होगा. किताब “द बैटल ऑफ बिहार” में पत्रकार अरुण सिन्हा ने जल्द ही चुनाव का सामना करने जा रहे बिहार के सियासी रंगमंच और नीतीश कुमार के शासन से जुड़े घटनाक्रमों का उल्लेख किया है. उन्होंने कहा कि बिहार अभी तीन सियासी रियासतों भाजपा, जदयू और राजद में बंटा है.

अरुण सिन्हा कहते हैं, “भाजपा ने ऊपरी जातियों और बनियों की पौध लगायी, जदयू ने आर्थिक रूप से पिछड़ों और महादलितों की तथा राजद ने यादवों और मुसलमानों की. जदयू की ‘रियासत’ बीच में है और उसके पास किसी भी तरफ मिलकर संयुक्त रूप से जीतने की सुविधा है.” पेंगुइन रैंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किताब में सिन्हा लिखते हैं, “भाजपा के पास ऐसे लचीलेपन की कोई गुंजाइश नहीं है. वह खुद को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में ही राजद से मिल सकती है जैसे पानी और आग. इसलिए उसे नीतीश के साथ ही रहना होगा, उन्हें बिहार में बड़े सहयोगी के तौर पर स्वीकार कर.”

लेखक के विचार हैं कि जदयू और भाजपा “एक ही गुफा में रह रहे दो अलग प्रजाति के जानवरों की तरह हैं: वे साथ प्रार्थना करते हैं लेकिन पूजा अलग करते हैं, वे शिकार साथ करते हैं लेकिन खाते अलग-अलग हैं, वे लड़ते साथ हैं, लेकिन हथियार अलग चुनते हैं. वे एक-दूसरे को मजबूत करते दिखाते हैं, लेकिन एक दूसरे को कमजोर करने के लिये काम करते हैं.”

किताब में कहा गया है कि बिहार में पार्टी का मुख्यमंत्री देखना यद्यपि भाजपा का सपना है लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व इस विषय को सावधानी से संभालना चाहता है. अरुण सिन्हा लिखते हैं, “राज्य भाजपा के एक वर्ग की अपने दम पर चुनाव लड़ने की इच्छा के बावजूद, इस विचार को लेकर नेतृत्व बहुत उत्साहित नहीं है क्योंकि पार्टी की राज्य इकाई में ऐसा कोई भी नेता नहीं है जो पार्टी के पक्ष में मतदाताओं को लाने का कद, योग्यता और लोकप्रियता रखता हो.”

Upload By Samir Kumar

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें