Bihar : पटना. जदयू अध्यक्ष और मुख्मंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा चुनाव के लिए एक खास रणनीति पर काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार उन 40 सीटों के लिए खास प्लान तैयार कर रहे हैं, जिन सीटों पर पिछले चुनाव में चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा के कारण जदयू को हार मिली थी. इन सीटों को जीतने के लिए नीतीश कुमार ने कुछ लोगों को खास टास्क सौंपा है. पदाधिकारियों व प्रकोष्ठों को बड़ी जिम्मेवारी दी है. इस बार चिराग पासवान और उपेन्द्र कुशवाहा दोनों के एनडीए में होने से जदयू के आधारवोट में सेंधमारी का तो खतरा नहीं है, लेकिन इन सीटों पर पुराने सहयोगियों के बागी होकर मैदान में उतरने का खतरा अवश्य है. लिहाजा, पार्टी इनके लिए अपने स्तर से कोई कोताही नहीं करना चाहती है.
पिछली बार जदयू को हुआ था नुकसान
जदयू के एक बड़े नेता ने बातचीत के दौरान बताया कि पार्टी ने कई स्तरों पर समीक्षा के बाद इन सीटों की पहचान की है. ऐसी करीब 50 सीटें हैं, जिनपर पिछली बार पार्टी उम्मीदवारों की हार का कारण वोट में सेंधमारी रही. हार की समीक्षा के दौरान भी यह बात सामने आयी कि चिराग और उपेंद्र की साजिश के अलावा कुछ सीटों पर पार्टी के अंदर भी भीतरघात हुए, जिससे हार हुई थी. 2020 में जदयू के लिए अपने ही पुराने सहयोगी चिराग पासवान की लोजपा और उपेन्द्र कुशवाहा की रालोसपा ने कई सीटों पर हार का रास्ता प्रशस्त किया था. दोनों ने जदयू के आधार वोट में सेंधमारी की थी. इससे जदयू को नुकसान हुआ था. ऐसी सीटों की संख्या 40 से अधिक है.
कुछ लोगों को सौपा गया खास टास्क
पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा व प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने संगठन की बैठक में ऐसी सभी सीटों को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों को टास्क सौंपा है. इन सीटों के हर बूथ पर लक्ष्य से अधिक लोगों को तैयार किया जाना है, ताकि एनडीए जीत सुनिश्चित की जाए. इस संबंध में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं कि हमने कुछ सीटों की पहचान कर वहां अधिक ध्यान देने की योजना बनायी है. पार्टी कार्यकर्ताओं को कई जिम्मेवारी दी गयी है. यहां बूथ मैनेजमेंट पर सर्वाधिक ध्यान दिया जा रहा है. बूथ के हर लोगों से संपर्क किया जा रहा है. मतदाताओं से बेहतर समन्वय स्थापित कर काम किया जा रहा है.

