Bihar Health System: पटना. वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम तिमाही में राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से सभी जिलों में खर्च की गयी राशि की समीक्षा की गयी. समीक्षा में पाया गया कि जिलों को आवंटित की राशि को सबसे कम जमुई, अररिया, पश्चिम चंपारण, किशनगंज और शिवहर जिले में खर्च किया गया है. इसको लेकर कार्यपालक निदेशक ने संबंधित जिले के लेखा प्रबंधकों, जिला योजना समन्वयकों, जिला सामुदायिक और मूल्यांकन पदाधिकारियों को फटकार लगायी गयी. साथ ही जिन जिलों ने निर्धारित लिमिट के विरुद्ध खर्च नहीं किया है, उन जिलों के लिमिट को शून्य करने का निर्देश दिया गया.
सभी 28 मदों में खर्च बढ़ाने की हिदायत
राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जिलों को आवंटित की गयी राशि का प्रति मद के अनुसार समीक्षा की गयी. इसमें पाया गया कि पश्चिम चंपारण के द्वारा सभी मदों, जिनमें दवा, जननी बाल सुरक्षा योजना, प्रशिक्षण, बंध्याकरण व डायग्नोस्टिक सहित 28 मदों में सबसे कम खर्च किया गया है. इस वित्तीय वर्ष को समाप्त होने में महज कुछ समय बचे हैं.ऐसे में जिले के सभी पदाधिकारियों को सभी 28 मदों में खर्च बढ़ाने की हिदायत दी गयी. समीक्षा में सीवान का मामला दिलचस्प पाया गया. इस जिले में जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत सबसे अधिक भुगतान किया गया.
काफी खराब है इन जिलों का शहरी हेल्थ सिस्टम
बताया गया कि बैंक खाता नहीं होने के कारण अधिक भुगतान किया गया है. ऐसे में जिले को लाभुकों को चिह्नित कर कैंप मोड में बैंक खाता खुलवाकर भुगतान करने का निर्देश दिया गया. शहरी हेल्थ सिस्टम सशक्त बनाने के मामले में पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, कटिहार, सारण और सीवान जिलों ने सबसे कम खर्च किया है. इसके कारण इन जिलों के अस्पतालों का सिस्टम अभी तक खराब बना हुआ है. कार्यपालक निदेशक ने स्थिति को देखते हुए लेखा प्रबंधकों सहित सभी जिले के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने जिले के सबसे खराब पांच और सबसे अच्छे पांच प्रखंडों की समीक्षा करें और खर्च बढ़ाने वाले व्यवहार को अपनाए.
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