पटना: राज्य सरकार ने पटना मेट्रो परियोजना के लिए 140 करोड़ रुपये मंजूर किये हैं. इसमें से 87.50 करोड़ रुपये भू-अर्जन, जबकि 52.50 करोड़ रुपये अन्य व्यवस्था पर खर्च किये जायेंगे. इसको लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग के अपर सचिव मनोज कुमार ने निर्देश दिये हैं.
उन्होंने बताया कि पटना मेट्रो को लेकर राज्य सरकार ने अब तक भू-अर्जन मद में 970.58 करोड़ रुपये और निवेश मद में 560 करोड़ रुपये सहित कुल 1530.85 रुपये निकासी की स्वीकृति दी है. इसमें से अब तक भू-अर्जन मद में 808.08 करोड़ रुपये और निवेश मद में 358.13 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं.
फरवरी से टनल बोरिंग मशीन करेगी काम
स्वीकृत राशि से अब तक प्रायोरिटी कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से आइएसबीटी) पर तेजी से काम हुआ है. यह एलिवेटेड रूट है. इसके साथ ही फ्रेजर रोड से गांधी मैदान, अशोक राजपथ होते हुए मोइनुल हक स्टेडियम तक अंडरग्राउंड रूट पर भी काम शुरू हो गया है.
कोलकाता से मंगाई जा रही बोरिंग टनल मशीन
अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन (भूमिगत सुरंग) निर्माण को लेकर कोलकाता से टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) मंगा ली गयी है, जिसे एसेंबल किया जा रहा है. मेट्रो अधिकारियों की मानें, तो फरवरी से टनल बोरिंग मशीन काम करना शुरू कर देगी. यह मशीन जमीन के काफी भीतर तक अंदर की मिट्टी या पत्थरों को काटते हुए कई किमी लंबी सुरंग बना सकती है.
सितंबर 2024 तक पटना में दौड़ने लगेगी मेट्रो ट्रेन
बता दें कि पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली मेट्रो के साथ 25 सितंबर, 2019 को एमओयू हुआ है. इसके तहत पटना मेट्रो परियोजना के दानापुर से मीठापुर और पटना रेलवे स्टेशन से न्यू आइएसबीटी तक दोनों कॉरिडोर को सितंबर 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.