Bihar Electricity: पटना में बिजली आपूर्ति अब पूरी तरह हाईटेक होगी. इस कड़ी में पटना के सभी बिजली सबस्टेशनों को सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्वीजिशन (स्काडा) से जोड़कर मानव रहित व्यवस्था की कवायद शुरू हो चुकी है. इस व्यवस्था के तहत हर सबस्टेशन एक-दूसरे से जुड़ेंगे.
फॉल्ट आने पर तुरंत होगी आपूर्ति
जिसके बाद किसी भी सबस्टेशन से जुड़े क्षेत्र में खराबी आने पर दूसरी ओर से तुरंत आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी. साथ ही आपूर्ति तंत्र खुद ही छोटी-मोटी खराबी आने पर आपूर्ति को रीस्टोर करने की व्यवस्था करेगा. फीडरों को बंद व शुरू करने का काम कमांड व कंट्रोल रूम से होगा. स्काडा सेंटर से पूरे शहर की बिजली व्यवस्था नियंत्रित की जाएगी. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी की तरफ से डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है.
विकसित होंगे सबस्टेशन
मिली जानकारी के अनुसार स्काडा सिस्टम से कंट्रोल करने के लिए सबस्टेशनों को अपग्रेड किया जाएगा. इसके लिए सभी सबस्टेशनों पर रिंग मेन यूनिट (आरएमयू), रिमोट टर्मिनल यूनिट (आरटीयू) व सेक्शन लाइजर लगाए जाएंगे. किसी फीडर में खराबी आने पर आरएमयू यूनिट दूसरे फीडर से स्वचलित आपूर्ति शुरू कर देगी. आरटीयू के माध्यम से कंट्रोल रूम में फीडरों पर लोड, फॉल्ट आदि की जानकारी पहुंचती रहेगी. सेक्शन लाइजर लगाने से जिस क्षेत्र में फॉल्ट हुआ है सिर्फ वहीं की बिजली आपूर्ति प्रभावित होगी. कंप्यूटरीकृत नेटवर्क प्रणाली से सभी उपकेंद्रों को जोड़ा जाएगा.
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फॉल्ट की तुरंत मिलेगी जानकारी
बता दें कि स्काडा सिस्टम एक रिमोट कंट्रोल आधारित स्वचलित केंद्रीयकृत व्यवस्था है. इसमें अगर एक लाइन में फॉल्ट होता है, तो दूसरी ओर से तुरंत खुद आपूर्ति शुरू हो जाएगी. पूरा सिस्टम ही ऑनलाइन केंद्रीयकृत हो जाएगा. जिससे फॉल्ट का तुरंत पता चल जाएगा. वहीं, दूसरी ओर अलर्ट जारी होने, फॉल्ट लोकेशन की सही स्थिति की जानकारी से समय की बचत और वोल्टेज पर नियंत्रण होगा. सिस्टम से ही लाइन में खराबी के बारे में बिजलीकर्मियों को ऑनलाइन दिशानिर्देश दिए जा सकेंगे. गर्मी के दिनों में बिजली की कटौती बढ़ जाती है. और इसे रोकने के लिए स्काडा को विकसित करने की योजना है.
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