Bihar Election Voting : पटना. बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों की 121 सीटों पर गुरुवार को 64.64 फीसदी वोटिंग हुई, जो अब तक की सर्वाधिक है. यह पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में करीब सात प्रतिशत अधिक है. यह आंकड़ा शाम छह बजे तक है. अंतिम आंकड़ा आने के बाद इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है. हालांकि, अभी एक चरण का मतदान बाकी है. इससे पहले 2000 के बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक 62.57 प्रतिशत मतदान हुआ था. यदि लोकसभा चुनाव की बात करें, तो 1998 में बिहार में 64.6 प्रतिशत वोट पड़े थे. सुबह सात बजे से वोटिंग शुरू हुई, जो शाम छह बजे तक चली. बूथों पर मतदाताओं की लंबी कतार देखी गयी. खासकर महिलाओं में काफी उत्साह दिखा.
Bihar Election: 2015 व 2020 के मतदान संबंधी आंकड़े
- 2015 विधानसभा चुनाव
- कुल मतदान- 56.88 प्रतिशत
- महिला मतदान- 60.48 प्रतिशत
- पुरुष मतदान- 53.32 प्रतिशत
- 2020 विधानसभा चुनाव
- कुल मतदान – 57.29 प्रतिशत
- महिला मतदान- 56.69 प्रतिशत
- पुरुष मतदान- 54.45 प्रतिशत
Bihar Election: वास्तविक वोट डालने वालों की संख्या समान
बिहार विधानसभा के लिए 2000 में हुए चुनाव में सबसे अधिक 62.57 प्रतिशत मतदान हुआ था. यदि लोकसभा चुनाव की बात करें, तो 1998 में बिहार में 64.6 प्रतिशत वोट पड़े थे. यह बढ़ी हुई वोटिंग और भी महत्वपूर्ण इसलिए मानी जा रही है कि हाल ही में हुई विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान 47 लाख (6%) नाम वोटर लिस्ट से हटा दिये गये थे. इसके बाद राज्य में कुल वोटर की संख्या 7.89 करोड़ से घट कर 7.42 करोड़ रह गयी. सांख्यिकीय रूप से देखें, तो वोटरों की संख्या कम होने से मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है, यदि वास्तविक वोट डालने वालों की संख्या समान रहे. उदाहरण के तौर पर यदि पहले 100 में से 60 लोगों ने वोट डाले, तो मतदान प्रतिशत 60% हुआ. अगर वोटरों की संख्या घट कर 80 रह जाये और वही 60 लोग वोट डालें, तो प्रतिशत बढ़ कर 75% हो जायेगा.
Bihar Election: अधिक वोटिंग अब सत्ता विरोधी रुझान नहीं
हाल महीनों में राज्य सरकार द्वारा की गयी घोषणाएं व कैश ट्रांसफर या विपक्ष के हर घर नौकरी के वादे का भी असर हो सकता है. हालांकि, यह महिलाओें के खातों में कैश ट्रांसफर का असर है या हर घर नौकरी के वादे का, यह रिजल्ट आने के बाद ही पता चल पायेगा. अब सवाल उठता है कि उच्च मतदान का मतलब सत्ता विरोधी लहर या अधिक बहुमत के साथ सरकार की वापसी है? आम तौर पर यह माना जाता है कि उच्च मतदान सत्ता विरोधी रुझान की ओर इशारा करता है. लेकिन, हाल के दशक में हुए चुनावों में इसके उलट परिणाम आया था़ छत्तीसगढ़ में 2008 से 2013 के बीच मतदान 7% बढ़ा, लेकिन बीजेपी दोनों बार जीती़ इसी तरह मध्य प्रदेश में 2003 से 2013 के बीच मतदान 67.25% से बढ़कर 72.07% हुआ, फिर भी बीजेपी लगातार तीन बार जीती़ इसलिए बिहार में भी नतीजे पर निर्णायक प्रभाव का अनुमान लगाना अभी जल्दबाजी होगी़.
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