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Bihar Election 2025: नीतीश कुमार ने 13 महिला, 4 मुस्लिम को दिया टिकट, जदयू में अतिपिछड़ों को सबसे अधिक हिस्सेदारी

Bihar Election 2025: अति पिछड़े वर्ग के वोटों के सहारे मज़बूत उम्मीदवार उतारने की रणनीति मूलतः नीतीश कुमार की ही रही है, जिसे जदयू ने एक बार फिर दोहराया. जदयू ने यादव उम्मीदवारों को सीमित अवसर दिए हैं. यहां तक कि मंडल आयोग के जनक बीपी मंडल के पौत्र का भी टिकट काट दिया गया है.

Bihar Election 2025: पटना. जनता दल यूनाइटेड ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपने कोटे के सभी 101 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. नीतीश कुमार ने उम्मीदवार चयन करते वक्त सामाजिक और क्षेत्रीय संतुलन का ध्यान रखा है. जदयू की सूची ने एक बार फिर साबित किया है कि नीतीश कुमार सोशल इंजीनियरिंग के माहिर खिलाड़ी हैं. जदयू ने लगभग 37 फीसदी हिस्सेदारी पिछड़ों को दी है, जबकि मुस्लिम समाज से चार उम्मीदवार बनाये हैं. जदयू की सूची में आठ यादवों का नाम शामिल है.

पिछड़ों को आधी से अधिक सीटें

जदयू की दूसरी सूची आने के बाद यह साफ हो गया है कि पार्टी ने पिछड़ों को उचित हिस्सेदारी देने का काम किया है. पार्टी ने 50 फीसदी से अधिक सीटें पिछड़ा और अतिपिछड़ा समाज से आनेवाले नेताओं को दिया है. पार्टी ने पिछड़ा समाज के 37 उम्मीदवारों को मौका दिया है, जबकि अतिपिछड़ा समाज के 22 नेताओं को उम्मीदवार बनाया गया है. नीतीश कुमार ने 15 प्रतिशत सीट दलितों को दिया है, जबकि 13 प्रतिशत सीटें नीतीश कुमार ने अपने सबसे मजबूत वोट बैंक महिलाओं के खाते में डाला है. अनुसूचित जनजाति की प्रतिनिधत्व एक प्रतिशत रही है.

कुशवाहा को कुर्मी से एक सीट ज्यादा

अति पिछड़े वर्ग में भी जेडीयू ने संतुलन साधने की कोशिश की है. इसमें मल्लाह, तेली, कंहार, पासवान, चंद्रवंशी, सोनार, नाई, लोहार, रजक, बढ़ई जैसी जातियों से कुल 37 उम्मीदवार शामिल हैं. सबसे अधिक उम्मीदवार कुशवाहा समुदाय से हैं जिनकी संख्या 13 है. वहीं, कुर्मी जाति से 12 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. यादव और धानुक समुदाय से 8-8 प्रत्याशी बनाए गए हैं. वहीं 5 मांझी (मुसहर) और 5 रविदास को जबकि 2 पासी और पासवान-धोबी से 1-1 उम्मीदवार बनाया गया है. इस बार मुस्लिम, यादव, भूमिहार प्रत्याशी की संख्या कम हुई है.

राजपूतों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा

भाजपा की तरह जदयू में भी सवर्ण जातियों में राजपूतों का दबदबा दिख रहा है. जदयू ने सबसे अधिक 10 राजपूतों को उम्मीदवार बनाया है. जदयू की सूची में दूसरे नंबर पर भूमिहार जाति के नेता है, जिन्हें उम्मीदवारों की सूची में 9 प्रतिशत हिस्सेदारी मिली है. जदयू ने ब्राह्मणों को 2 प्रतिशत जबकि कायस्थों को महज 1 प्रतिशत हिस्सेदारी दी है. भाजपा के मुकाबले जद (यू) की सूची अपेक्षाकृत मिश्रित है, परंतु दोनों दलों ने यादव उम्मीदवारों को सीमित अवसर दिए हैं. यहां तक कि मंडल आयोग के जनक बीपी मंडल के पौत्र का भी टिकट काट दिया गया है.

2020 की सूची में जातिगत हिस्सेदारी

अतिपिछड़ा – 19
यादव- 18
कुशवाहा -15
कुर्मी – 12
मुस्लिम – 11
भूमिहार – 10
धानुक – 8
राजपूत -7
वैश्य -3
ब्राह्मण – 2
जनजाति – 1

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Ashish Jha
Ashish Jha
डिजिटल पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश. वर्तमान में पटना में कार्यरत. बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को टटोलने के लिए प्रयासरत. देश-विदेश की घटनाओं और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स को सीखने की चाहत.

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