Bihar Chunav 2025: बिहार चुनाव 2025 की सरगर्मी के बीच नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनके ‘संकल्प पत्र’ की नकल कर रही है और गरीबों-युवाओं के मुद्दों पर सिर्फ दिखावटी काम कर रही है. तेजस्वी ने विशेष तौर पर ‘जीविका दीदियों’ के शोषण को सबसे बड़ा धोखा बताया और कहा कि जो महिलाएं आत्मनिर्भर बिहार की रीढ़ बनीं, आज उन्हीं को उनका हक नहीं मिल रहा. उनके इस बयान ने चुनावी बहस को एक बार फिर रोजगार और महिला सशक्तिकरण के मुद्दों पर केंद्रित कर दिया है.
तेजस्वी यादव की इस घोषणा के साथ ही बिहार की सियासत में नई हलचल मच गई है. माना जा रहा है कि तेजस्वी का यह ऐलान ग्रामीण इलाकों और महिला मतदाताओं पर सीधा असर डाल सकता है.
‘मेरे संकल्पों की नकल कर रही हैं सरकार’
तेजस्वी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधे आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार उनके संकल्पों और योजनाओं की खुलकर नकल कर रही है, लेकिन असली बदलाव कहीं नहीं दिख रहा. उन्होंने बताया कि सरकार ‘महिला रोजगार योजना’ के तहत महिलाओं से 10 हजार रुपए की वसूली कर रही है, जो महिलाओं के अनुरूप नहीं है और यह समझ से परे है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की इन नकली योजनाओं का मकसद केवल चुनाव जीतना है, न कि वास्तविक लाभ पहुंचाना.
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि उन्होंने जो वादे जनता से किए थे, नीतीश कुमार की सरकार ने उन्हें कॉपी कर लिया.
“हमने कहा था 200 यूनिट बिजली फ्री देंगे, तो सरकार ने 125 यूनिट फ्री कर दी. हमने कहा था युवाओं को रोजगार देंगे, तो उन्होंने योजना की घोषणा कर दी. पर जनता जानती है कि इन सबकी शुरुआत मैंने की थी.”
तेजस्वी ने कहा कि केवल योजनाओं की नकल करने से विकास नहीं होता, असली विकास तब होता है जब सरकार लोगों के जीवन में बदलाव लाने की नीयत रखे.
‘जीविका दीदियों का शोषण — कर्ज माफी का वादा
अपने बयान के केंद्र में तेजस्वी यादव ने जीविका दीदियों की दुर्दशा को रखा. उन्होंने कहा — “जीविका दीदियों का जितना शोषण हुआ है, उतना शब्दों में कहना मुश्किल है. सरकार उनसे 10 हजार रुपए वसूल रही है. महिलाएं इस रकम से क्या करेंगी, यह समझ से परे है.” उन्होंने सरकार पर सीधा आरोप लगाया कि जीविका समूहों की महिलाएं सत्ता की ‘वोट बैंक’ बन गई हैं, पर उनके श्रम का सम्मान नहीं हुआ.
तेजस्वी यादव ने जीविका दीदियों को लेकर कई बड़ी घोषणाएं भी कीं. कहा— “जीविका दीदियों से बातचीत के बाद हमने अध्ययन किया है. इसलिए हम जो घोषणा कर रहे हैं, उसे हर कीमत पर पूरा करेंगे.”
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनने पर, सभी जीविका दीदियों को स्थायी सरकारी नौकरी दी जाएगी, न्यूनतम वेतन 30 हजार रुपए प्रति माह होगा, अब तक लिए गए सभी ऋणों के ब्याज को माफ किया जाएगा. दो साल तक ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा. जीविका समूह की महिलाओं को हर महीने 2000 रुपए मानदेय मिलेगा. 5 लाख रुपए तक बीमा कवर सरकार देगी. जीविका समूह की अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष को भी विशेष मानदेय दिया जाएगा.
‘बेटी योजना’ और ‘माई योजना’ का वादा
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनने पर महिलाओं और बेटियों के लिए दो नई योजनाएं शुरू होंगी— BETI योजना (Benefit, Education, Training and Income): जन्म से लेकर रोजगार तक सरकार सहयोग करेगी. माई योजना: ग्रामीण महिलाओं के लिए स्वावलंबन और कौशल प्रशिक्षण की नई राह खोलेगी. ‘सरकार ने सिर्फ नारों में विकास किया, जमीन पर नहीं’
तेजस्वी यादव ने बताया कि जल्द ही “BETI योजना” और “माई योजना” शुरू की जाएगी. उन्होंने समझाया कि BETI योजना का अर्थ है – बेनिफिट, एजुकेशन, ट्रेनिंग और इनकम. इस योजना के तहत सरकार बेटियों के जन्म से लेकर आय के साधन तक हर कदम पर मदद करेगी.
तेजस्वी ने कहा कि नीतीश सरकार ने सिर्फ नारों और विज्ञापनों में विकास दिखाया है. “बिहार के लोग रोजगार, शिक्षा और सम्मान की तलाश में पलायन कर रहे हैं. सरकार न तो किसानों की सुन रही, न युवाओं की, और न ही जीविका दीदियों की.”
तेजस्वी ने दावा किया कि इस बार जनता सरकार की चाल समझ चुकी है और बदलाव तय है.

