Bihar Airport: पटना. कोलकाता और चेन्नई की तरह बिहार के एयरपोर्टों पर भी सस्ते दाम पर पानी उपलब्ध कराने की मांग होने लगी है. बिहार के पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट पर किफायती उड़ान यात्री कैफे खोलने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है. बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज की ओर से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री को पत्र लिखकर यह मांग की है. पत्र में कहा गया है कि चेन्नई और कोलकाता एयरपोर्ट की तरह बिहार के एयरपोर्ट पर भी ‘उड़ान यात्री कैफे’ खोलने की व्यवस्था कि जाये, जिससे बिहार के गरीब यात्रियों को चाय-पानी का बोतल 10-10 रुपये में मिल सकें.
एयरपोर्टों पर खुले किफायती उड़ान यात्री कैफे
बिहार चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री किंजरापु राममोहन नायडू को पत्र लिखकर हवाई यात्री की सुविधा के लिए पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्टों पर किफायती उड़ान यात्री कैफे खोलने की मांग की है. स्थानीय मीडिया से बात करते हुए चैम्बर अध्यक्ष सुभाष पटवारी ने बताया कि भारत सरकार एवं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की पहल पर देश के दो एयरपोर्टस चेन्नई एवं कोलकाता में किफायती उड़ान यात्री कैफे का प्रारंभ किया गया है. वहां पर यात्रियों को पानी का बोतल 10 रुपये, चाय 10 रुपये, काफी 20 रुपये एवं स्नैक्स 20 रुपये रुपये में दिया जा रहा है, लेकिन उड़ान योजना के तहत चल रहे बिहार के दरभंगा एयरपोर्ट पर भी उड़ान यात्री कैफे नहीं हैं. वहां पर पानी, चाय, काफी या स्नैक्स के लिए यात्रियों को 100-250 रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है, जो गरीब यात्रियों के लिए असुविधाजनक है.
आर्थिक रूप से पिछड़ा राज्य है बिहार
पटवारी ने कहा कि बिहार एक आर्थिक रूप से पिछड़ा राज्य है. यहां लोगों की भुगतान क्षमता कम है. एक तो बिहार का हवाई किराया अन्य राज्यों के मुकाबले अधिक है. ऊपर से यहां किफायती रेट पर पानी-चाय भी यात्रियों को उपलब्ध नहीं हो पा रही है. बिहार से काफी संख्या में खाड़ी देशों में काम करने वाले मजदूरों का आना-जाना रहता है. उन्होंने कहा कि यदि दरभंगा के साथ-साथ गया एवं पटना एयरपोर्टों पर ‘उड़ान यात्री कैफे’ का प्रारंभ हो जाए तो राज्य के आम यात्रियों को काफी राहत मिलेगी. पटवारी ने कहा कि इस आशय का एक-एक पत्र केंद्र में बिहार के मंत्री जीतन राम मांझी, गिरीराज सिंह, राजीव रंजन सिंह के साथ-साथ सांसद रविशंकर प्रसाद, विवेक ठाकुर, जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, गोपाल जी ठाकुर को भी पत्र लिखा है.
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