Investment in Bihar: पटना. भागलपुर जिले के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला कुल 2400 मेगावाट (800×3) क्षमता का ग्रीन फील्ड थर्मल पावर प्लांट प्रदेश में किसी निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा निवेश होगा. इस पवार प्लांट के बनने से न सिर्फ दूसरे राज्यों पर बिजली की निर्भरता कम होगी, बल्कि आम लोगों के बिजली बिल में भी कमी आयेगी. इसका फायदा बिहार के उद्योगों को भी होगा. मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने इस ऐतिहासिक फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने 2400 मेगावाट का नया थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए कोयले का आवंटन पहले ही हो चुका है.केंद्र सरकार के विद्युत मंत्रालय ने भी टैरिफ पालिसी 2016 के तहत इस परियोजना की निविदा प्रक्रिया को स्वीकृति दे दी है.
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
ऊर्जा विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल के मुताबिक परियोजना के लिए बिहार स्टेट पावर जेनेरेशन कंपनी को नोडल एजेंसी के रूप में चयनित किया गया है. जेनेरेशन कंपनी निविदा प्रक्रिया सहित परियोजना के क्रियान्वयन की पूरी जिम्मेदारी संभालेगी. परियोजना के लिए 1020.60 एकड़ भूमि पूर्व से अधिग्रहित है. पंकज पाल ने बताया कि पहले पीरपैंती में सौर ऊर्जा परियोजना प्रस्तावित थी, लेकिन तकनीकी सर्वेक्षण के बाद कोयला स्रोत की नजदीकी और भूमि की स्थिति को देखते हुए थर्मल पावर प्लांट का प्रस्ताव मंजूर किया गया. इसके लिए कोयले का आवंटन पहले ही हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना से बिहार में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे. निर्माण कार्य के दौरान हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा.
बिहार में निवेशकों को करेगा आकर्षित
यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी ऊर्जा नीति का नतीजा है. इस योजना पर काम शुरू होने के बाद बिहार निवेशकों के लिए आकर्षक बन जायेगा. उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य में निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ है. इस परियोजना से बिहार के लोगों को न सिर्फ गुणवत्तापूर्ण बिजली मिलेगी, बल्कि बिजली दरों में भी कमी आयेगी. यह राज्य के औद्योगिकीकरण में मील का पत्थर साबित होगा.
सस्ती और निर्बाध होगी बिजली आपूर्ति
इस परियोजना से बिहार के लोगों को निरंतर और किफायती दर पर बिजली मिलेगी. वर्तमान में राज्य बिजली के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भर है. बिहार को बाहर से बिजली खरीदनी पड़ रही है. इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से हमारी दूसरे राज्यों से बिजली खरीदने की निर्भरता घटेगी. साथ ही बिजली की लागत में भी कमी आयेगी. विभागीय अधिकारियों के अनुसार इस परियोजना से न केवल बिजली की दरों में कमी आयेगी. बल्कि, बिहार में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे.
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