Bihar Film: बिहार अब सिर्फ साहित्य, राजनीति और संस्कृति की धरती ही नहीं, बल्कि सिनेमा के नए केंद्र के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है. जहां एक समय में राज्य में इक्का-दुक्का फिल्मों की शूटिंग होती थी, वहीं अब हालात तेजी से बदल रहे हैं. राज्य सरकार की पहली फिल्म प्रोत्साहन नीति, जिसे 2024 में मंजूरी दी गई थी, ने सिनेमा जगत को बिहार की ओर आकर्षित करना शुरू कर दिया है. अब टी-सीरीज जैसी बड़ी कंपनियां भी बिहार में फिल्म निर्माण को लेकर सक्रिय हो चुकी हैं.
जल्द ही रिलीज होगी भोजपुरी की तीन फिल्में
फिल्म प्रोत्साहन नीति लागू होने के बाद राज्य में अब तक तीन भोजपुरी फिल्में – ‘संघतिया’, ‘घर का बंटवारा’ और ‘नारी’ पूरी तरह बनकर तैयार हैं और जल्द ही रिलीज होने वाली हैं. इनका पोस्ट-प्रोडक्शन कार्य पूरा हो चुका है. ये तीनों फिल्में पूरी तरह से बिहार की पृष्ठभूमि और संस्कृति पर आधारित हैं और राज्य के विभिन्न हिस्सों में शूट की गई हैं.
रिलीज के बाद सरकार से अनुदान के लिए आवेदन
फिल्म निर्माताओं को तीन चरणों के बाद सरकार की ओर से अनुदान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा. पहला चरण शूटिंग की अनुमति से जुड़ा होता है, दूसरा पोस्ट-प्रोडक्शन प्रक्रिया और तीसरा चरण फिल्म के रिलीज और प्रमाणन से जुड़ा होता है. रिलीज के बाद निर्माता सरकार से अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं.
अधिकतम 4 करोड़ रुपये तक का मिलेगा अनुदान
इस नीति के तहत राज्य में 75% शूटिंग वाली फिल्मों को अधिकतम 4 करोड़ रुपये तक का अनुदान मिलेगा, जबकि अन्य राज्यों में यह राशि अधिकतम 2.5 करोड़ रुपये है. खास बात यह है कि राज्य की क्षेत्रीय भाषाओं में बनी फिल्मों को लागत का 50% तक अनुदान मिलेगा.
इस कदम से बिहार को सिर्फ सिनेमा में ही नहीं, पर्यटन, रोजगार, संस्कृति के प्रचार, और स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देने के लिहाज से भी कई फायदे होंगे. शूटिंग से जुड़े क्रू, कलाकार और तकनीकी टीमों के आने से स्थानीय युवाओं को काम के अवसर मिलेंगे. इसके अलावा, जिन स्थानों पर फिल्में शूट होंगी, वे नए पर्यटन स्थलों के रूप में उभर सकते हैं.