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बेतिया राज के जमीन पर अतिक्रमणकारियों को जारी की जाएगी नोटिस, स्पेशल ऑफिसर करेंगे सुनवाई

बेतिया राज के चल और अचल सम्पत्तियों के स्वत्व, कब्जा और प्रबंधन आदि पर सत्यापन के उपरांत निर्णय ले सके. उक्त उद्येश्य की पूर्ति के लिये हीं इस एक्ट को लाया गया है, जो बेतिया राज की संपूर्ण परिसम्पत्तियों पर इस अधिनियम के सरकारी गजट में प्रकाशन की तिथि से लागू होगा.

बेतिया राज के जमीन पर अतिक्रमणकारियों को लेकर बिहार विधान मंडल में द वेस्टिंग ऑफ बेतिया राज प्रोपर्टी एक्ट 2024 के पारित होने के बाद जिला प्रशासन ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. जिला प्रशासन की ओर से बेतिया राज की सभी प्रकार की परिसंपत्तियां सरकार में समाहित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है. जिलाधिकारी दिनेश कुमार राय ने बताया कि इसको लेकर अधिसूचना जारी होने के साथ ही बेतिया राज की जमीन पर सर्वेक्षित अतिक्रमणकारियों, अवैध कब्जाधारियों को नोटिस किया जायेगा.

जिलाधिकारी ने बताया कि 01.04.1897 से बेतिया राज की सभी छह जिलो यथा-पश्चिम चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सारण, सीवान, गोपालगंज तथा पटना में अवस्थित परिसम्पत्तियों का प्रबंधन कोर्ट ऑफ वार्डस (राजस्व पर्षद, बिहार के अधीन ) द्वारा किया जा रहा है. हालांकि अधिकांश भूमि एवं अन्य परिसम्पत्तियां अतिक्रमित हो चुकी है तथा उससे संबंधित बहुत सारे विधिक मामले विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन है.

सभी विचाराधीन मामलों के निष्पादन एवं बेतिया राज की परिसम्पत्तियों के प्रभावी प्रबंधन हेतु एक कानून की आवश्यकता महसूस की गई जो बेतिया राज के चल और अचल सम्पत्तियों के स्वत्व, कब्जा और प्रबंधन आदि पर सत्यापन के उपरांत निर्णय ले सके. उक्त उद्येश्य की पूर्ति के लिये हीं इस एक्ट को लाया गया है, जो बेतिया राज की संपूर्ण परिसम्पत्तियों पर इस अधिनियम के सरकारी गजट में प्रकाशन की तिथि से लागू होगा.

इस अधिनियम के तहत बेतिया राज के परिसम्पत्तियों के प्रबंधन के लिए प्रत्येक वैसे जिले जहां बेतिया राज की परिसम्पत्तियां है, एक स्पेशल ऑफिसर (अपर समाहर्ता स्तर) राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किया जाएगा जो इस अधिनियम के लागू होने पर 60 दिनों के अन्दर बेतिया राज की परिसम्पत्तियों के संबंध में प्राप्त आपत्ति पर सम्यक सुनवाई कर आगामी 90 दिनों के अन्दर निर्णय पारित करेगा.

स्पेशल ऑफिसर के निर्णय के विरुद्ध निर्णय पारित होने की तिथि से 30 दिनों के अन्दर समाहर्ता के पास अपील दायर किया जा सकेगा. समाहर्ता 30 दिनों के अंदर अपील पर सुनवाई कर आदेश पारित करेंगे. समाहर्ता के निर्णय से क्षुब्ध व्यक्ति 30 दिनों के अन्दर राजस्व पर्षद में पुनरीक्षण दायर कर सकेगा. इस अधिनियम के लागू होने पर बेतिया राज के परिसम्पत्तियों का संपूर्ण प्रभार संबंधित जिला के समाहर्ता के पास आ जाएगा.

राज की भूमि पर लगेंगे उद्योग, होगा विकास एक्ट की संक्षिप्त जानकारी देते हुए डीएम ने बताया कि इस एक्ट में कई तरह के प्रावधान किये गये है. इस एक्ट के मुताबिक अब औद्योगिक विस्तार, एवं शैक्षणिक संस्थानों के निर्माण में किसी भी प्रकार का अवरोध पैदा नहीं हो सकेगा. इससे जिले में उद्योग एवं शैक्षणिक विकास की संभावना तेज हो गयी है.

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