-एकेडमिक एडवाइजरी कमेटी की बैठक में कई सुझावों पर चल रहा काम संवाददाता, पटना आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में नये सत्र से स्कूल ऑफ एस्ट्रोनॉमी की पढ़ाई शुरू हो जायेगी. नये सत्र से स्कूल ऑफ एस्ट्रोनॉमी की पढ़ाई शुरू करने को लेकर एकेडमिक एडवाइजरी कमेटी की बैठक हो गयी है. कुलपति शरद कुमार यादव की अध्यक्षता में ऑनलाइन एकेडमिक एडवाइजरी कमेटी कि बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिये गये हैं. कुलपति ने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2025-26 से स्कूल ऑफ एस्ट्रोनॉमी के अंतर्गत स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया जाना है. इस संबंध में स्कूल ऑफ एस्ट्रोनॉमी की स्थापना से संबंधित दस्तावेज, जैसे विस्तृत परियोजना रिपोर्ट, अध्यादेश और पाठ्यक्रम विकास, वर्तमान में प्रक्रिया में हैं. एक बार ये दस्तावेज उपलब्ध हो जाने पर, उन्हें अंतिम रूप देने से पहले सभी सदस्यों को फीडबैक और सुझाव के लिए भेजा जायेगा. सदस्यों ने सुझाव दिया कि पाठ्यक्रम शुरू होने से पहले, खगोल विज्ञान के विषय विशेषज्ञ की सेवाएं ली जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संबंधित कार्य समय पर निष्पादित हो सकें. इस बैठक में आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति शरद कुमार यादव, इसरो के पूर्व साइंटिफिक सेक्रेटरी डॉ वीएस हेडगे, प्रो विनय कुमार डढवाल, गोविंद राजन डीएस, राजीव गंभीर, प्रो निशिकांत ओझा के साथ अन्य सदस्य मौजूद थे. समिति की समन्वयक डॉ मनीषा प्रकाश हैं. बिहार का पहला संस्थान जहां एस्ट्रोनॉमी की होगी पढ़ाई प्रो शरद कुमार यादव ने कहा कि बिहार का पहला यूनिवर्सिटी एकेयू होगा जहां एस्ट्रोनॉमी की पढ़ाई होगी. बिहार के बच्चों में काफी प्रतिभा है. इसरो में कई वैज्ञानिक बिहार के हैं. अंतरिक्ष विज्ञान के बारे में जानकारी जरूरी है. इस कोर्स को इस प्रकार डिजाइन किया जायेगा कि ताकि एस्ट्रोनॉमी की नॉलेज रखने वाले आराम से पढ़ाई कर सकते हैं. कमेटी बन गयी है. कमेटी के सुझाव के अनुसार इसी मल्टीडिसिप्लिनरी कोर्स के रूप में शुरू किया जायेगा. पिछले एक साल से इसकी तैयारी की जा रही है. डीपीआर बनाने का काम जारी है. डीपीआर के बाद एक्सपर्ट का सुझाव महत्वपूर्ण हो जाता है. सुझाव के बाद पीजी में सीट फाइनल किया जायेगा. इसके लिए काम तेज गति से हो रहा है.
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