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आर्सेनिक जल ने बिहार के 18 जिलों में बढ़ाया कैंसर का खतरा, पटना का मनेर बना हॉट स्पॉट

बिहार के 38 जिलों में से 18 जिलों ने भूजल में आर्सेनिक की उच्च मात्रा पायी गयी है. इन जिलों के लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन की 10 माइक्रोग्राम प्रति लीटर की स्वीकार्य सीमा से अधिक आर्सेनिक सांद्रता वाला पानी पी रहे हैं. ऐसे में इस समय आर्सेनिक युक्त पानी पीने से कैंसर के काफी मामले सामने आ रहे हैं.

पटना. बिहार के 38 जिलों में से 18 जिलों ने भूजल में आर्सेनिक की उच्च मात्रा पायी गयी है. इन जिलों के लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन की 10 माइक्रोग्राम प्रति लीटर की स्वीकार्य सीमा से अधिक आर्सेनिक सांद्रता वाला पानी पी रहे हैं. ऐसे में इस समय आर्सेनिक युक्त पानी पीने से कैंसर के काफी मामले सामने आ रहे हैं. बिहार में सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बक्सर, भोजपुर और भागलपुर है, लेकिन पटना का मानेर ब्लॉक इस समय कैंसर के मरीज़ों का हॉट स्पॉट बन हुआ है. पिछले कुछ वर्षों में प्रखंड की कई पंचायतों में कैंसर के मामले बढ़े हैं. कई मामलों में तो कैंसर की वजह से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है.

पिछले 10 सालों से 200 से भी ज़्यादा लोग कैंसर की समस्या से जूझ रहे

एएनआई की रिपोर्ट कहती है कि यूपी, बिहार, महाराष्ट्र व पश्चिम बंगाल चार ऐसे राज्य हैं जहां सालाना कैंसर से 1 लाख से भी ज़्यादा लोगों की मौत दर्ज़ की जाती है. साल 2022 इन चारों राज्यों में से बिहार में सबसे ज़्यादा मौतें दर्ज़ की गयी थी. पटना से जुड़े मानेर की कई पंचायतों में पिछले 10 सालों से 200 से भी ज़्यादा लोग कैंसर की समस्या से जूझ रहे हैं. मानेर की समस्या तब सामने आयी है जब यहां के लोगों ने पीने के साफ़ पानी की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. लोग अपने क्षेत्रों में आर्सेनिक फिल्टर लगाने की मांग कर रहे हैं, जिस पर ज़िम्मेदार अधिकारियों द्वारा अब तक कोई काम नहीं किया गया है.

पूरे गांव में 100 से ज़्यादा परिवारों के घरों में कैंसर के मरीज़

गांव के प्रधान शैलेश कुमार स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहते हैं कि उनके माता-पिता की मौत भी कैंसर से हुई है. पूरे गांव में 100 से ज़्यादा परिवारों के घरों में कैंसर के मरीज़ है, लेकिन सरकार द्वारा यहां पर पानी से आर्सेनिक दूर करने को लेकर कोई कार्य नहीं किया जा रहा है. वो कहते हैं कि हम सब जानते हैं कि बोरिंग के पानी आर्सेनिक की मात्रा अधिक होती है. ज़मीन से निकल रहे पानी का रंग लाल और पीला है और वह इस पानी को पीने के लिए मज़बूर हैं. लोग मज़बूरन अधिक आर्सेनिक वाला पानी पी रहे हैं, जिसकी वजह से उनमें कैंसर का खतरा बढ़ रहा है.

मनेर में ग्रामीणों के बीच कैंसर के फैलाव की रिपोर्ट कोई नयी नहीं

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष और आर्सेनिक के एक प्रमुख विशेषज्ञ अशोक कुमार घोष ने स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि मनेर में ग्रामीणों के बीच कैंसर के फैलाव की रिपोर्ट कोई नयी नहीं है. उन्होंने साल 2005 में ही मनेर क्षेत्र में पानी में आर्सेनिक की उच्च सांद्रता होने की जानकारी दी थी. इधर, बिहार के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मीडिया से बात करते हुए पिछले दिनों कहा था कि उन्हें राज्य में इस मुद्दे की जानकारी है. उन्होंने कहा कि हम टाटा मेमोरियल अस्पताल के साथ कैंसर के इलाज पर काम कर रहे हैं.

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