संवाददाता,पटना विधानसभा में दो विधायकों के बीच चलने वाली बातचीत ने मंगलवार को पूरे सदन का ध्यान अपनी ओर खींचा. इसका आगाज विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने किया. बातचीत करनेवाले सदस्यों को चेतावनी देने की जगह आसन ने हास्य- व्यंग्य का सहारा लिया. हास्य -व्यंग्य को आगे बढ़ाने के लिए अध्यक्ष ने एक पूर्व अध्यक्ष का नाम लिया. उन्होंने इस विषय में नेता प्रतिपक्ष को भी शामिल किया और कहा कि वह नेता प्रतिपक्ष से भी इसको लेकर बात करेंगे. विधानसभा में हंगामा के बाद शून्यकाल आरंभ हुआ , तो अन्य दिनों की भांति राजद के भाई वीरेंद्र और ललित कुमार यादव में सीट पर बैठे-बैठे बातचीत जारी रही. विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने शून्यकाल में बातचीत करनेवाले इन दोनों राजद के सदस्यों को चुप कराने के लिए पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी का सहारा लिया. उन्होंने कहा कि अवध बिहारी बाबू आप जो परेशान हो रहे हैं, वह मुझसे देखा नहीं जाता है. आपके बाएं (ललित कुमार यादव) और दाएं (भाई वीरेंद्र) जो सदस्य बैठे हैं, वह आपके कान में कुछ न कुछ ऐसा कहते हैं, जिससे आप असहज महसूस करते हैं. आगे उन्होंने कहा कि लगता है कि इसको लेकर उनको नेता प्रतिपक्ष से बात करनी पड़ेगी. नेता प्रतिपक्ष से बात इसलिए करनी पड़ेगी कि आपके दाएं और बाएं बैठनेवाले सदस्यों के बीच एक-एक और आदमी को बैठा दें , तो ये दोनों सदस्य आपके कान में बात नहीं कर सकेंगे. विधानसभा अध्यक्ष व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बीच चल रहे मुद्दे के बीच में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष व वर्तमान में संसदीय कार्यमंत्री मंत्री विजय कुमार चौधरी भी मैदान में कूद गये. उन्होंने आसन को सूचना दी कि सामने (विपक्ष) अवध बिहारी बाबू के बाएं-दाएं बैठने वाले सदस्यों से जो असहजता निकलती है वह सिर्फ उन्हीं (अवध बिहारी चौधरी) पर ही असर नहीं डालती, बल्कि उसका असर सत्ता पक्ष में बैठे लोगों पर भी होता है. स्पीकर व दो पूर्व विधानसभा अध्यक्षों के बीच चली इस वार्ता पर पूरे सदन में ठहाका लगने लगा.
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