बिहार ललित कला अकादमी की कला दीर्घा में लगी फोटोग्राफी प्रदर्शनी संवाददाता, पटना कला की कोई सीमा नहीं होती. इसका उदाहरण शहर के बिहार ललित कला अकादमी की कला दीर्घा में लगी फोटोग्राफी प्रदर्शनी में देखने को मिल रहा है. इसका नाम ‘कुलसाई दशहरा’ रखा गया है. स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुरू हुई इस प्रदर्शनी में मशहूर फोटोग्राफर प्रीतेश पटेल द्वारा खींची गयी 35 शानदार तस्वीरें प्रदर्शित की गयी हैं. प्रदर्शनी का उद्घाटन कला एवं शिल्प महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ राखी कुमारी ने किया. प्रदर्शनी की खास बात यह है कि यह कला के माध्यम से सांस्कृतिक एकता का एक जीवंत उदाहरण पेश करती है. गुजरात के प्रीतेश पटेल ने अपने कैमरे में तमिलनाडु के पारंपरिक दशहरा उत्सव के अनूठे और रंग-बिरंगे पलों को कैद किया है और उसे कलाप्रेमियों के लिए प्रस्तुत किया है. प्रीतेश पटेल ने अपनी कुलसाई दशहरा श्रृंखला के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधताओं को बेहद खूबसूरती से दर्शाया है. ये तस्वीरें तमिलनाडु के थूथुकुडी जिले में स्थित कुलशेखरपट्टनम गांव के जीवंत दशहरा उत्सव की कहानी कहती हैं. इस उत्सव में हजारों भक्त देवी-देवताओं के वेश में रंग-बिरंगे परिधान पहनकर 300 साल पुराने श्री मुथारम्मन मंदिर में इकट्ठा होते हैं. नौ दिनों तक चलने वाला यह उत्सव, नवरात्रि के साथ शुरू होता है और दसवें दिन यानी दशहरे पर राक्षस महिषासुर के वध के साथ समाप्त होता है. प्रदर्शनी में लगी हर एक तस्वीर इस अनोखे पर्व के जोश, रंग और भक्ति को दर्शाती है. इस प्रदर्शनी के जरिये एक ऐसी संस्कृति को जानने और महसूस करने का मौका मिला है, जो शायद उन्होंने पहले कभी नहीं देखी होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

