संवाददाता, पटना पुलिस मुख्यालय ने उभयलिंगी महिलाओं (ट्रांस वुमेन) के साथ होने वाले भेदभाव और उत्पीड़न की समस्याओं के समाधान के लिए महत्वपूर्ण पहल की है. इन्हें न्याय और सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए अब हर जिले में विशेष व्यवस्था की गयी है. इसके तहत राज्यभर के 855 थानों में पहले से मौजूद महिला हेल्पलाइन को अब ट्रांस वुमेन हेल्पडेस्क की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गयी है. इस व्यवस्था से न केवल ट्रांस वुमेन की थाना स्तर तक पहुंच आसान होगी, बल्कि उन्हें समाज में सम्मान और समान अधिकार भी सुनिश्चित होंगे. एडीजी सीआइडी कमजोर वर्ग डॉ अमित कुमार जैन ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ट्रांस वुमेन से जुड़े मामलों का निपटारा तेजी से और संवेदनशील ढंग से हो सके. अक्सर देखने में आता है कि सामाजिक पूर्वाग्रह और भेदभाव के कारण ट्रांस वुमेन पुलिस थाने तक अपनी बात पहुंचाने में झिझक महसूस करती हैं. कई बार उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया जाता, जिससे वे न्याय से वंचित रह जाती हैं. इस पृष्ठभूमि को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि महिला हेल्पलाइन अब ट्रांस वुमेन की भी शिकायतों और समस्याओं का समाधान करेगी. एडीजी ने कहा कि इसके लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की गयी है, जिसमें स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि ट्रांस वुमेन से जुड़े मामलों को कैसे दर्ज किया जाए, किन बिंदुओं पर विशेष सतर्कता बरती जाए और पीड़ित पक्ष को संवेदनशील वातावरण में कैसे न्याय दिलाया जाए. इस एसओपी के तहत पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा ताकि वे ट्रांस वुमेन की समस्याओं को बेहतर ढंग से समझ सकें और उनका समाधान कर सकें.
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