पटना : केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेतागिरिराजसिंहने विधानसभा चुनावों के मौसम में एक बार फिर ध्रुवीकरण की सियासत को हवा दी है और ट्वीटर पर मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे पर सवाल उठाए.साथ ही गिरिराज सिंहने पीएम नरेंद्र मोदी के रोड शो पर सवाल उठाने वाले लोगों को आड़े हाथोंभी लिया है.
बिहार में नवादा से भाजपा सांसद गिरिराजसिंह ने कहा कि पीएम की रैली और रोड शो पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले लोगों को राजनीति का ज्ञान कम है. उन्होंने कहा किनरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जो सीधे संवाद के तौर पर लोगों से जुड़ रहे हैं चाहे वो रैली हो या फिर रोड शो. भाजपा नेता ने कहा कि नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री हैं जो सीधे जनता से संवाद कर रहे हैं और ये भारत के लिए सुखद अवसर है.
भाजपानेता नेकहाकि प्रधानमंत्री भाजपा की तरफ से रोड शो कर रहे हैं और वो सरकार की नीतियों को बता रहे हैं. मालूम हो कि पीएम नरेंद्र मोदी के शनिवार को बनारस में हुए रोड शो पर विपक्ष के साथ-साथ मंत्री उपेंद्र कुशवाहा और सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी सवाल खड़े किये थे.
देश में मुसलमानों को अल्पसंख्यक के दायरे से बाहर लाने की बातकरतेहुए गिरिराजसिंह ने ट्वीट किया और लिखा है कि इस पर बहस होनी चाहिए क्योंकि रिव्यू रिसर्च के अनुसार 2050 तक दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी भारत मे होगी. देश मे एक बहस छिड़नी चाहिए कि आखिर अल्पसंख्यक कौन होगा.
गिरिराज सिंह ने लिखा…
हिंदुस्तान में मुस्लिमों की जनसंख्या इतनी है की उन्हें अब अल्पसंख्यक से बाहर होना चाहिए, आज देश को जरूरत है अल्पसंख्यक की परिभाषा पर एक बहस की. सिंह ने इस टिप्पणी के साथ ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ की रिसर्च से जुड़ी खबर का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया. इस शोध के मुताबिक 2050 तक भारत सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश होगा. हालांकि इस स्टडी में ये भी साफ किया गया है कि इस अवधि में हिंदुओं की जनसंख्या भी कम नहीं होगी.
हिंदुस्तान में मुस्लिम की जनसंख्या इतनी है की उन्हें अब अल्पसंख्यक से बाहर होना चाहिए,आज देश को जरूरत है अल्पसंख्यक की परिभाषा पर एक बहस की। pic.twitter.com/lm3Mgalf66
— Shandilya Giriraj Singh (@girirajsinghbjp) March 4, 2017
साथ ही इस खबर को शेयर करने से पहले गिरिराज सिंह ने एक और ट्वीट किया जिसमें यूपी के कैराना इलाके का जिक्र था.इसमें कहा गया है कि अगर आज देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बना तो हिंदुस्तान का हाल उत्तर प्रदेश के कैराना जैसा हो जाएगा. गौर हो कि पिछले सालभाजपा के कुछ नेताओं ने दावा किया था कि सांप्रदायिक तनाव के चलते कैराना में बहुसंख्यक समुदाय को बड़ी तादाद में पलायन करना पड़ा है.

