पटना : बिहार की राजधानी पटना में स्थित राज्य के सबसे बड़े बेऊर जेल में पटना एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में घंटों छापेमारी किये जाने की सूचना है. जानकारी के मुताबिक यह छापेमारी आज तीन बजे सुबह शुरू हुई और छह बजे जाकर खत्म हुई. तीन घंटे तक चली इस छापेमारी में कैदियों के सभी वार्डों की गहन तलाशी ली गयी. गणतंत्र दिवस को लेकर खुफिया विभाग की ओर से जारी अलर्ट के मद्देनजर पटना पुलिस ने इस छापेमारी को अंजाम दिया है. छापेमारी में पुलिस को सात मोबाइल, चार्ज और गांजा सहित भारी मात्रा में कैश मिला है. पुलिस ने सभी आपत्तिजनक सामग्री को जब्त कर लिया है.
एसएसपी ने खुद संभाला मोर्चा
पुलिस सूत्रों के मुताबिक बेऊर जेल में छापेमारी के वक्त एसएसपी मनु महाराज ने खुद कुख्यातों के वार्डों की तलाशी ली. बताया जा रहा है कि अजय कानू, रीतलाल और अनंत सिंह के वार्ड की छापेमारी मनु महाराज की देख-रेख में हुई. इन चर्चित कैदियों के सेल का मोर्चा मनु महाराज ने संभाल रखा था. कुख्यात नक्सली अजय कानू के वार्ड से लाल रंग की एक डायरी मिली है. जिसमें स्पष्ट तौर पर लेवी वसूलने का जिक्र है. डायरी में लेवी वसूलने के लिये तय किये गये नामों के अलावा उसमें जिनसे लेवी ली गयी है, उसकी भी विस्तृत जानकारी है.
नवंबर 2016 में हुई थी आखिरी छापेमारी
गौरतलब हो कि इससे पहले एक नवंबर 2016 को इसी साल पटना जिला प्रशासन ने बेऊर जेल में छापेमारी की थी. भोपाल सेंट्रल जेल से एक साथ फरार आठ आतंकियों की घटना होने के बाद एहतियात के तौर पर बेऊर में छापेमारी की गयी थी. उस वक्त छापेमारी में पटना के डीएम संजय अग्रवाल और सिटी एसपी के साथ एसएसपी मनु महाराज भी शामिल थे. छापेमारी में मोबाइल का चार्जर, चिप और मेमोरी कार्ड के साथ पेन ड्राइव बरामद हुआ था. प्रशासन समय-समय पर जेलों से जुड़ी हर एक्टिविटी की ऑडिट व सुरक्षा का आकलन करता है और छापेमारी की जाती है.
बेऊर में बंद हैं 10 आतंकी
गौरतलब हो कि बेऊर जेल में 10 खूंखार आतंकवादी बंद हैं, जिनमें महाबोधि मंदिर ब्लॉस्ट के आरोपी और गांधी मैदान सीरियल ब्लास्ट के आरोपी कैद हैं. खुफिया इनपुट मिलने के बाद से प्रशासन इन आतंकियों पर विशेष नजर बनाये हुए है. प्रशासन की ओर से चौकसी के तौर पर इनकी सेलों पर विशेष नजर रखी जा रही है.
चूभते सवाल ?
हर बार छापेमारी में मोबाइल और चार्जर के अलावा अब पेन ड्राइव भी बरामद होने लगे हैं. बताया जाता है कि बेऊर जेल में बंद अपराधी कॉल करने के बजाय फेसबुक व व्हाट्सएप की मदद से अपने गिरोह का संचालन कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को इस बात की सूचना थी कि जेल के अंदर एंड्रॉयेड मोबाइल फोन का भी इस्तेमाल अपराधी कर रहे हैं. वे उक्त एंड्रॉयेड फोन की मदद से गिरोह के अन्य सदस्यों से जुड़े रहते हैं और सारी डीलिंग जेल के अंदर रह कर करते हैं . गौरतलब है कि जेल में मोबाइल, गांजा फोन समेत कई अन्य सामान को अंदर ले जाने की इजाजत नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर जेल के अंदर ये आपत्तिजनक सामान कैसे पहुंच कैसे जाते हैं? फिर जेल के अंदर यह पहली बरामदगी नहीं है. इसके पूर्व भी कई बार जेल के अंदर मोबाइल फोन व गांजे बरामद किये जा चुके हैं.