पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रख्यात पर्यावरणविद, समाजवादी, गांधीवादी एवं लेखक अनुपम मिश्र के निधन पर गहरा शोक जताया है. मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार नीतीश ने अपने शोक संदेश में कहा है कि अनुपम मिश्र के निधन के समाचार से उन्हें गहरा दुख हुआ है तथा पर्यावरण, समाजवाद, गांधीवाद एवं साहित्य के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुयी है.
मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्मा की चिर शांति तथा उनके परिजनों, अनुयायियों एवं प्रशंसकों को दु:ख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है. नीतीश कुमार ने कहा कि अनुपम मिश्र के जीवन, चरित्र एवं आचरण में सादगी थी. उन्होंने बाजारवाद एवं भूमंडलीकरण के खिलाफ आवाज उठायी थी.
सीएमनीतीश ने कहा कि पर्यावरण के क्षेत्र में अनुपम मिश्र का काफी अहम योगदान है. उन्होंने पारंपरिक पर्यावरण पद्धतियों का अध्ययन किया. बाजारवाद के प्रभाव में आधुनिक जीवन शैली से हो रहे पर्यावरण के नुकसान से बचने के लिये उन्होंने अपनी परंपरा की ओर देखने की हिमायत की. उन्होंने कहा कि अनुपम मिश्र का पारंपरिक जल संजय प्रबंधन पर शोध विश्वस्तरीय है. उनकी प्रमुख कृति‘‘आज भी खरे हैं तालाब” को पर्यावरण साहित्य में क्लासिक कृति मानी जाती है. उन्हें 1996 में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से नवाजा गया था.
मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा कि अनुपम मिश्र ने गांधी मार्ग पत्रिका का भी संपादन किया था. अडसठ वर्षीय अनुपम मिश्र का दिल्ली स्थित एम्स में आज सुबह निधन हो गया.