पटना : गुरु गोविंद सिंह जी के जन्म दिवस पर मनाए जाने वाले 350वें प्रकाश पर्व के मद्देनजर गत 22 सितंबर से शुरु तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सिख सम्मेलन आज पटना में संपन्न हो गया. अंतर्राष्ट्रीय सिख सम्मेलन के समापन के आज अंतिम दिन बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने कहा कि सिखों के दसवें गुरु गोविन्द सिंह जी के 350वें जन्मोत्सव को प्रकाशपर्व के रुप में आयोजित करना राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती और एक सुअवसर दोनों हैं. प्रकाशपर्व के भव्य आकर्षक एवं सुव्यवस्थित रुप में आयोजित करना राज्य सरकार के लिए यद्यपि बहुत चुनौतीपूर्ण है. यह एक ऐसा अवसर भी है, जिसके माध्यम से बिहार की एक आकर्षक छवि विश्व पटल पर अंकित होगी.
बिहार के इतिहास पर बोले राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि भारत का इतिहास बिहार की कीर्ति गाथाओं से गौरवान्वित रहा है. सिख, बौद्ध और जैन धर्मों के प्रार्दुभाव बिहार में ही हुए. सिख धर्म के दसवें गुरु श्री गोविन्द सिंह की जन्मस्थली भी बिहार की धरती है. उन्होंने कहा कि गुरु गोविन्द सिंह जी के उपदेश, उनकी वीरता और समाज सेवा अनुकरणीय है. राष्ट्रीय एकता और सद्भावना के प्रति समर्पित उनका व्यक्तित्व और कृतित्व समाज के उपेक्षित और वंचित वर्ग के लिए भी बराबर सहयोगी और प्रेरणादायी रहा है. कोविन्द ने भारत के इतिहास एवं विकास में सिखों के द्वितीय योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति सदभावना और सामाजिक समरसता की संस्कृति रही है.
सफल हुई अंतर्राष्ट्रीय सिख सम्मेलन-राज्यपाल
राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने अंतर्राष्ट्रीय सिख सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए पर्यटन विभाग को बधाई दी तथा सम्मेलन में आये प्रतिनिधियों से यह आग्रह किया कि वे अपने परिवार, बंधु-बांधवों और मित्रों के साथ गुरु गोविन्द सिंह जी के 350वें जन्मोत्सव प्रकाशपर्व के पुनित अवसर पर निश्चित रुप से पुन: पटना आने का कार्यक्रम बनायें. सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य की पर्यटन मंत्री अनिता देवी ने कहा कि राज्य सरकार सफलतापूर्वक गुरु गोविन्द सिंह जी के 350वें प्रकाशपर्व को आयोजित करेगी. सम्मेलन को बिहार के पूर्व मुख्य सचिव जी एस कंग, राज्य की विभागीय जांच आयुक्त अमिता पॉल ने भी संबोधित किया.
सैनिकों की शहादत के लिये दो मिनट का मौन
सम्मेलन के अन्त में जम्मू कश्मीर राज्य के उरी में आतंकी हमले में हुई भारतीय सैनिकों की शहादत का स्मरण करते हुए दो मिनट का मौन भी रखा गया. अंतर्राष्ट्रीय सिख सम्मेलन में 23 एवं 24 सितम्बर को सिख धर्म साहित्य एवं संस्कृति से जुडे चार विषयों पर देश विदेश के विद्वानों के द्वारा परिचर्चा की. सम्मेलन को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, केंन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री एसएस अहलुवालिया, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, उतर प्रदेश के मंत्री बलवंत सिंह नामुवालिया, सुरजीत सिंह बरनाला के पुत्र जीएस बरनाला, केंद्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष तारलोचन सिंह, कनाडा की पूर्व सांसद डॉ0 रुबी ढाला, इंगलैंड के डिप्टी लॉर्ड रेशम सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ0 मनमोहन सिंह के प्रतिनिधि डा0 महिंदर सिंह, पंजाब के पूर्व मंत्री बलविंदर सिंह, ज्ञानी इकबाल सिंह, पूर्व सांसद एसएस ढिंगरा, दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंध कमिटी के अध्यक्ष मंजीत सिंह, हरमंदिर तख्त पटना साहिब के अध्यक्ष अवतार सिंह सहित कई अन्य गणमाण्य व्यक्तियों ने भी संबोधित किया.