पटना :उपराष्ट्रपतिहामिद अंसारी से पटना के स्कूली बच्चों ने शिक्षा में सुधार के अलावा देश की आजादी और बदलाव से संबंधित कई प्रश्न किये. उपराष्ट्रपति ने बच्चों केसभीसवालों का जवाब दिया. पटना के सेंट माइकल हाइस्कूल में उपराष्ट्रपति का कार्यक्रमथा.स्कूलमें उपराष्ट्रपति का अभिवादन करने के बाद कार्यक्रम का उद्घाटन समारोह हुआ. उसके बाद स्टूडेंट्स की बारी आयी. पहला प्रश्न शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जरूरत को लेकर पूछा गया तो वहीं दूसरा प्रश्न उप राष्ट्रपति के रोल मॉडल कौन है, स्टूडेंट्स जानना चाह रहे थे. उप राष्ट्रपति डा. हामिद अंसारी ने कहा कि व्यक्ति विशेष मेरा कभी रोल माॅडल नहीं रहा है.
बहुत कम स्टूडेंट को मिला प्रश्न पूछने का मौका
स्कूल की ओर से भले 236 स्टूडेंट्स को प्रश्न पूछने के लिये चुना गया था. लेकिन समय का अभाव इतना ज्यादा था कि मात्र चार स्टूडेंट्स ही प्रश्न पूछ पायें. सारे स्टूडेंट्स ने प्रश्न तैयार कर रखा था. कुछ टीचर्स को भी यह ड्यूटी दी गयी थी. लेकिन प्रश्न पूछने का मौका मात्र चार स्टूडेंट्स को मिला. इसमें आठवीं स्नेहिल राज और गार्गी राज थे. वहीं 12वीं से पियूष शिवम और ऋषि मिश्रा ने प्रश्न पूछा. हॉल में 300 लोगों को बैठाया गया था. इसमें 240 स्टूडेंट्स और 26 टीचर्स शामिल थे.
उपराष्ट्रपति ने किया पौधारोपण
स्कूल में उप राष्ट्रपति डॉ. हामिद अंसारी के आगमन को यादगार बनाने के लिये प्लांटेशन की व्यवस्था की गयी थी. जब उप राष्ट्रपति प्लांटेशन वाले जगह पर पहुंचे तो स्कूल की टीचर्स उप राष्ट्रपति की मदद के लिये प्लांट लगाने लगी. तभी तुरंत डा. हामिद अंसारी ने टीचर को रोका और कहा आप हटें, मै खुद प्लांटेशन करूंगा. इसके बाद बाहर मैदान में बैठे सैकड़ों स्टूडेंट्स को हाथ से अभिवादन करके आशीर्वाद भी उप राष्ट्रपति ने दिया. छात्रों के सवाल उपराष्ट्रपति के जवाब
प्रश्न – देश की आजादी के बाद कई चीजों में बदलाव हुआ. देश के विकास में शिक्षा व्यवस्था में बदलाव जरूरी है. वर्तमान समय में आपकी नजर में शिक्षा व्यवस्था में किस तरह का बदलाव होना चाहिए, गार्गी राज, 8वीं
उत्तर – शिक्षा में बदलाव हमारी जरूरत है. हर किसी को शिक्षा देना होगा. शिक्षा में बदलाव शिक्षा देकर ही किया जा सकता है. इसके लिये टीचर्स और स्टूडेंट्स दोनों को ही मोटिवेट होने की जरूरत है.
प्रश्न – आपके रोल मॉडल कौन है. जो आपके कैरियर और आपके व्यक्तित्व पर असर किया है, स्नेहिल राज, 8वीं
उत्तर – रोल मॉडल कुछ ही लोगों के होते है. अधिकांश या 80 फीसदी लोग अपनी सोच से आगे बढ़ते है. जब हम जन्म लेते है तो हमारे अंदर प्रश्न होता है. हम एक दूसरे से पूछते है. जब हम बड़े होते है तो कुछ लोग अपना रोल मॉडल चुनते है.
प्रश्न – हमारे देश में आइआइटी और आइआइएम जैसी शिक्षक संस्थान पर काफी खर्च होता है. लेकिन इसके बाद भी स्टूडेंट्स आगे की पढ़ाई के लिये देश के बाहर चले जाते है. ऐसे स्टूडेंट्स अपने देश में ही रहें, इसके लिये आपकी क्या सलाह देंगे, ऋषि मिश्रा, 12वीं
उत्तर – जो भी दूसरे देश में स्टडी करने जाते है, वो असल में बैंक ड्राफ्ट बनाने जाते है. हमारा ब्रेन एक बैंक ड्राफ्ट की तरह है. विदेशों में पढ़ाई हम ड्राफ्ट बनाने को जाते है. इस ड्राफ्ट को अपने देश में आकर डिपोजिट करते है.
प्रश्न – आज यूथ के पास काफी चैलेंज है. उनके कैरियर के साथ कई ऐसी प्राब्लम है जिसे हमें हर दिन सामना करना पड़ता है. हम इसे कैसे हैंडल करें, पियूष शिवम, 12वीं.
उत्तर – चैलेंज तो हर किसी के पास है. चैलेंज रहेगा तभी कांफिडेंस आयेगा. इस कारण चैलेंज से घबराना नहीं चाहिए. चैलेंज को एक्सेप्ट करें और आगे बढ़े.