पटना : बिहार में बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत कार्य को लेकर आज भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बाढ़ पर्यटन में लगे होने का आरोप लगाते हुए इसके लिए चलाए जा रहे सैकड़ों राहत शिविरों में व्यवस्था को अपर्याप्त बताया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ‘फ्लड टूरिज्म’ कर रहे हैं. उनके इस ‘टूरिज्म’ के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं है. सुशील ने यह टिप्पणी नीतीश के उस आरोप कि केंद्र द्वारा प्रर्याप्त मदद किए जाने के बजाए यहां आने वाले केंद्रीय मंत्री ‘फ्लड टूरिज्म’ में लगे हुए हैं, इसके बारे में पूछे जाने पर दी.
नीतीश पर बोला हमला
उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने इस बार आयी बाढ़ को वर्ष 2008 में कोसी नदी में आयी प्रलयंकारी बाढ़ से तुलना कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें उक्त त्रासदी की तरह ही विशेष जिलाधिकारी की प्रतिनियुक्ति क्यों नहीं की ताकि बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत वितरण में ‘लूट’ और ‘अव्यवस्था’ से बचा जा सकता है. बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील ने यह भी आरोप लगाया कि जिलों के प्रभारी मंत्री अपने-अपने जिलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में मौजूद रहने के बजाए पटना में घूमते-फिरते नजर आ रहे हैं.
केंद्र सरकार भेजेगी टीम
उन्होंने प्रदेश में बाढ़ राहत कार्य के लिए राशि का अभाव नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत आपदा से निबटने के लिए बिहार के लिए 2000 करोड़ रुपये निर्धारित किये गये हैं. सुशील ने कहा कि केंद्र सरकार पहले रिपोर्ट तैयार कर केंद्र को भेजे जो कि प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए टीम भेजेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि राहत शिविरों में रह रहे लोगों की कठिनाईयों को दूर करने के बजाय नीतीश कुमार लोगों का ध्यान हटाने के लिए फरक्का बांध का मुद्दा उठा रहे हैं.