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बिहार के कुल संज्ञेय अपराध में 14.63 प्रतिशत की आयी कमी : पुलिस महानिदेशक

पटना : बिहार में महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) के सत्ता में आने के बाद से अपराध में वृद्धि के आरोप को खारिज करते हुए पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर ने आज कहा कि प्रदेश में पिछले दो महीने के दौरान कुल संज्ञेय अपराध में 14.63 प्रतिशत की कमी आयी है. पटना स्थित पुलिस मुख्यालय स्थित अपने कक्ष में […]

पटना : बिहार में महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) के सत्ता में आने के बाद से अपराध में वृद्धि के आरोप को खारिज करते हुए पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर ने आज कहा कि प्रदेश में पिछले दो महीने के दौरान कुल संज्ञेय अपराध में 14.63 प्रतिशत की कमी आयी है.

पटना स्थित पुलिस मुख्यालय स्थित अपने कक्ष में आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान महागठबंधन (जदयू-राजद-कांग्रेस) के सत्ता में आने के बाद से अपराध में वृद्धि के आरोप के बारे में पूछे जाने पर ठाकुर ने कहा ‘‘जो बात आप कह रहे उसकी आंकड़ों से पुष्टि नहीं होती है. ऐसी धारणा का कोई आधार नहीं है. कुछ अपराधिक घटनाएं, जिसमें सनसनीखेज घटनाएं भी शामिल हैं, जरूर हुई हैं, लेकिन उसमें त्वरित और कठोर कार्रवाई की गयी है.”

अपराध अनुसंधान विभाग द्वारा एकत्रित पिछले दो महीने का आंकड़ा पेश करतेहुए उन्होंने कहा कि पिछले साल के अप्रैल और मई महीने की तुलना में इस वर्ष पिछले दो महीने के दौरान प्रदेश के कुल संज्ञेय अपरोधों में 14.63 प्रतिशत की कमी आयी है. ठाकुर ने बताया कि पिछले दो महीने के दौरान हत्या, डकैती, लूट, साधारण दंगा (पांच से अधिक लोगों के आपस में मारपीट के मामले), साधारण अपहरण (शादी के लिए और बच्चों की गुमशुदगी), फिरौती के लिए अपहरण, बलात्कार, एससी-एसटी अत्याचार, महिला उत्पीडन में कमश: 32.35 प्रतिशत, 45.5 प्रतिशत, 16.49 प्रतिशत, 21.05 प्रतिशत, 10.8 प्रतिशत, 77.8 प्रतिशत, 36.41 प्रतिशत, 30.74 प्रतिशत, 17.12 प्रतिशत की गिरावट आयी है.

यह पूछे जाने पर क्या यह माना जाये कि बिहार में रामराज आ गया है, ठाकुर ने कहा ‘‘यह किसने कहा, कि रामराज आ गया है. रामराज में भी अपराध होते थे. कितनी भी अच्छी विधि व्यवस्था रहे पर हिंदुस्तान में आज लोग क्या घर का दरवाजा खोलकर कहीं भी सोने की स्थिति में हैं….? पर प्रयास यही है कि अपराध नियंत्रण में रहें, जिसके लिए हम प्रत्यनशील हैं. पहले की तुलना में अब की स्थिति सुधरी है.

बिहार में जेल से अपराध संचालित किये जाने के मामलों में वृद्धि के बारे में पुलिस महानिदेशक पीके ठाकुर ने कहा कि ऐसा पहले भी पुलिस की नोटिस में आता रहा है और उसपर कार्रवाई होती रही है. समय-समय पर जेलों का निरीक्षण कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जेल में बंद अपराधी वहां से अपराध नहीं करा सकें, इसके लिए पुलिस सदैव तत्पर और प्रत्यनशील हैं.

पड़ोसी देश नेपाल के बारा जिला के बरियापुर इलाके से गत 26 मई को अपहृत किये गये मशहूर उद्योगपति व केडिया ग्रुप ऑफ कंपनीज के मालिक सुरेश केडिया के बड़े भाई रमेश केडिया को भी पुलिस ने मीडिया से रुबरु करवाया. वह यहां अपने छोटे भाई सुरेश की सकुशल बरामदगी के लिए बिहार पुलिस का आभार प्रकट करने आये थे. ठाकुर ने कहा कि सुरेश केडिया के अपहरण में किसी प्रकार की फिरौती की मांग किये जाने की बिहार पुलिस को कोई जानकारी नहीं है.

उल्लेखनीय है कि सुरेश केडिया को 26 मई को अपहृत होने के बाद गत 29 मई को बिहार के पूर्वी चंपारण जिला के कोटवा थाना क्षेत्र से पुलिस ने बरामद कर लिया था. उन्होंने बताया कि सुरेश केडिया का अपहरण एक गिरोह :बक्सर जेल में बंद कुख्यात अपराध बबलू दूबे गिरोह: द्वारा किया गया था और इसमें किसी अन्य गिरोह की संलिप्तता नहीं थी.

ठाकुर ने कहा कि इस मामले में बिहार पुलिस ने दो अपराधियों, बिमलेंदु रंजन उर्फ रंजन झा तथा बबलू पासवान को गिरफ्तार करने के साथ अपहरण में इस्तेमाल कियेगये स्कोर्पियो वाहन और हथियार बरामद कर लिए हैं. इस मामले में नेपाल पुलिस द्वारा कुछ लोगों को गिरफ्तार कर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है.

इस अवसर पर उपस्थित सुरेश केडिया के बड़े रमेश केडिया ने मीडिया में उन खबरों जिनमें उनके भाई की रिहाई के लिए सौ करोड़ रुपये की फिरौती की मांग किये जाने की बात कही गयी थी, को गलत ठहराते हुए कहा कि उन्हें कोई गुमनाम काल नहीं आये थे.

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