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मैं प्रधानमंत्री पद का दावेदार नहीं : नीतीश

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में स्पष्ट किया कि वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं. लेकिन उत्प्रेरक की भूमिका हमेशा निभायेंगे ताकि गैर भाजपायी दलों में एकजुटता आ सके. नीतीश ने कहा कि जब गैर भाजपायी दलों की एकजुटता की बात करते […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने जदयू के राष्ट्रीय परिषद की बैठक में स्पष्ट किया कि वह प्रधानमंत्री पद के दावेदार नहीं हैं. लेकिन उत्प्रेरक की भूमिका हमेशा निभायेंगे ताकि गैर भाजपायी दलों में एकजुटता आ सके. नीतीश ने कहा कि जब गैर भाजपायी दलों की एकजुटता की बात करते हैं तो उनपर कितना प्रहार हो रहा है. ‘संघ मुक्त भारत’ के पक्षधर पार्टियों को एकजुट होने बयान पर क्या-क्या नहीं कहा जा रहा है. वह नेतृत्व या सर्वोच्च पद :प्रधानमंत्री: की दावेदारी कहां कर रहे हैं. वह तो लोगों से सिर्फ एकजुट होने के लिए कह रहे हैं और इसके लिए कोशिश करते रहेंगे.

एकजुट करना गुनाह है क्या ?

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में लोगों को एकजुट करना क्या गुनाह है. नीतीश ने 1957 में केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का उदाहरण देते हुए कहा कि आज जो भाजपा को भ्रम हो गया है कि अब उनका पूरा का पूरा वर्चस्व है और अगर वह लोग एकजुट होकर आपसी तालमेल बनाएंगे तब इनका मुकाबला ठीक ढंग से हो सकेगा. यह राय प्रकट करना कोई गुनाह है कि आज जदयू की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पारित प्रस्ताव में भी यही बात शामिल हैं.

बीजेपी के खिलाफ एकजुट होंगे दल

नीतीश ने कहा कि विलय को लेकर बहुत सारी बातें की जाती हैं. विलय, गठबंधन, तालमेल अथवा आपसी समझ हो जो कुछ भी संभव है वह हो, जितनी अधिक से अधिक संभावना है. एकजुटता का प्रयास किया जाना चाहिए और यह काम वह करते रहेंगे क्योंकि उनका इसमें कोई अपना स्वार्थ नहीं है. उन्होंने कहा कि वे मीडिया के लोगों से हाथ जोड़कर विनम्र प्रार्थना करना चाहते हैं कि हम गरीब घर में पैदा हुए हैं. बिहार को आगे ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. पहले भाजपा वाले भी उन्हें पीएम मेटेरियल कह दिया करते थे आज भी आपलोग कहलवा देते हैं. कृपया करके इतना अन्याय न करें.

कौन नेता बनेगा समय तय करेगा-नीतीश

हमने न तो बिहार के साथ कभी अन्याय किया है और न ही राष्ट्रीय स्तर पर कोई जिम्मेदारी मिली है तो किसी पद पर आसीन :सांसद या मंत्री: होकर अन्याय किया है. नीतीश ने कहा कि देश की राजनीति नहीं चलती क्योंकि बिहार का पुख्ता प्रमाण है. महागठबंधन की रणनीति से वे चारों खाने चित हुए हैं. इसी रणनीति से देश में वे चारों खाने चित होंगे. यही तो हम कह रहे हैं. कौन नेता बनेगा यह तो समय की चीज है. इसलिए कृपा करके इस बहस को मत गलत रूप दीजिए. उन्होंने कहा कि जदयू की आवाज में इतना नैतिक बल और दम हैं तो इसमें परेशानी क्यों हो रही है. नीतीश ने कहा कि संघ :आरएसएस: की राजनीतिक शाखा भाजपा जिस प्रकार की राजनीति कर रही और जिस प्रकार से देश को चलाने की कोशिश कर रहे हैं. उसके कारण आज देश के सामने जिस प्रकार की चुनौती खड़ी हुई है उसका सभी गैर भाजपाई दलों को एकजुट होकर मुकाबला करना होगा.

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