10.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

डच शैली में बना पटना का कलेक्ट्रेट भवन ध्वस्त होगा, विरोध शुरू

पटना : पटना कलेक्ट्रेट की सदियों पुरानी इमारत, जिसके बारे में कहा जाता है कि भवन के कुछ हिस्से मूल रूप से डच संरचना के हैं, उस पर एक बार फिर से ध्वस्त किये जाने का खतरा मंडरा रहा है लेकिन इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हैरिटेज ने भवन को नई गगनचुंबी इमारत […]

पटना : पटना कलेक्ट्रेट की सदियों पुरानी इमारत, जिसके बारे में कहा जाता है कि भवन के कुछ हिस्से मूल रूप से डच संरचना के हैं, उस पर एक बार फिर से ध्वस्त किये जाने का खतरा मंडरा रहा है लेकिन इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हैरिटेज ने भवन को नई गगनचुंबी इमारत का रूप देने के बिहार सरकार के निर्णय का विरोध किया है. गंगा तट पर शहर के मध्य में करीब 12 एकड़ में फैला कलेक्ट्रेट भवन डच काल की वास्तुकला का अवशेष है. ब्रिटिश सरकार ने बाद में इसमें कुछ चीजें जोड़ी और यह ऐसा भवन है जिसे शायद सबसे अधिक नजरंदाज किया गया. पटना के जिलाधिकारी संजय अग्रवाल ने पीटीआई भाषा को बताया कि सरकार ने पुराने कलेक्ट्रेट भवनों को तोड़कर उनके स्थान पर नई गगनचुंबी इमारत बनाने का निर्णय लिया है.

कलेक्ट्रेट का नया मुख्य भवन पांच मंजिला होगा. हम लोग अभी भवन के डिजाइन पर विचार कर रहे हैं और एक बार यह कार्य पूरा होते ही निविदा का कार्य शुरू होगा. उन्होंने कहा कि नई दिल्ली की एक आर्किटेक्चर कंसल्टेंसी कंपनी डिजाइन पर काम कर रही है. कंपनी के एक दल ने पिछले सप्ताह अग्रवाल और पटना के प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर के साथ प्रस्तावित निर्माण स्थल का जायजा लिया. गौरतलब है कि कलेक्ट्रेट भवन को ध्वस्त किये जाने का खतरा वर्ष 2011 में भी उत्पन्न हुआ था लेकिन कुछ हलकों के विरोध के बाद तोड़-फोड़ के कार्य को रोक दिया गया था. पिछली बार भवन को तोड़े जाने का विरोध करने वाला इंटेक एक बार फिर सरकार के निर्णय के खिलाफ है.

इंटेक ने कहा है कि इसको ध्वस्त किये जाने का मतलब शहर के आधुनिक इतिहास को ध्वस्त किये जाने के बराबर है. इंटैक के पटना चैप्टर के संयोजक और आर्किटेक्ट जे के लाल ने कहा कि कलेक्ट्रेट भवन को अपने समय की एक महत्वपूर्ण निशानी के रुप में संजो कर रखा जाना चाहिए. विभाग के वास्तुकला प्रभाग के प्रमुख दिवय गुप्ता ने इस फैसले पर हैरानी प्रकट की और कहा कि कुछ सरकारों ने इसे विरासत भवन के रुप में स्थान दिया था. उन्होंने कहा कि उनके विभाग ने वर्ष 2011 में इस तरह के फैसले का विरोध किया था और वे एक बार फिर राज्य सरकार को इस बाबत लिखेंगे. जिला अधिकारी अग्रवाल ने दावा किया कि भवन की स्थिति अच्छी नहीं है और इसकी मरम्मत में बहुत रुपये खर्च होंगे.

Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel