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सुशील कोइराला का बिहार से था गहरा रिश्ता

महाश्वेता महारथि सुशील कोइराला जिन्हें हम लोग प्याार से सुशील दा कहते थे. उनका बिहार से गहरा नाता था. यों तो संपूर्ण कोइराला परिवार का बिहार से लगाव रहा है. गिरिजा प्रसाद कोइराला जब नेपाल के प्रधानमंत्री बने तो वह बिहार आये थे. पटना भी आये और राजगीर के बौद्ध शांति स्तूप काे भी देखा […]

महाश्वेता महारथि
सुशील कोइराला जिन्हें हम लोग प्याार से सुशील दा कहते थे. उनका बिहार से गहरा नाता था. यों तो संपूर्ण कोइराला परिवार का बिहार से लगाव रहा है. गिरिजा प्रसाद कोइराला जब नेपाल के प्रधानमंत्री बने तो वह बिहार आये थे. पटना भी आये और राजगीर के बौद्ध शांति स्तूप काे भी देखा था.
इस समय सुशील कोइराला उनके साथ थे. सुशील कोइराला की मौजूदगी में ही गिरिजा प्रसाद कोइराला ने कहा था कि राजगीर जैया शांति स्तूप नेपाल में भगवान बुद्ध की जन्मस्थल पर बनाया जायेगा. नेपाल और भारत के वर्तमान रिश्तों को सुशील कोइराला के कार्यकाल में मजबूती मिली. कोइराला फैमिली का आरा से भी संबंध रहा था. लोक नायक जय प्रकाश नारायण, पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर और पूर्व कुलपति देवेंद्र प्रसाद सिंह के परिवार से उनकी रिश्तेदारी रही थी. इस नाते सुशील कोइराला ने बिहार की भूमि को जाना था, पहचाना था.
सुशील दा के मन मस्तिष्क पर एक छात्र के रूप में, युवक के रूप में, समाजवाद की विचारधारा के रूप मे, नेपाली कांग्रेस के नेता के रूप में बिहार की अमिट छाप थी. बिहार में उनका काफी वक्त गुजरा था. सुशील दा उस पीढी के नेता थे जिस पीढी ने भारत के साथ रिश्तोंं के महत्व को समझा था. उन्होंने प्रजातंत्र की जड़ों को सींचा था.पटना के बैंक रोड में कोइराला परिवार का आवास था. जब गिरिजा प्रसाद कोइराला का निधन हुआ उस समय हम लोग नेपाल गये थे. उस समय भी सुशील दा के साथ कई राष्ट्रीय- अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई.
प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने उन सभी कामों को आगे बढाया जिसे गिरिजा प्रसाद कोइराला ने आगे बढाया था. जब सुशील दा नेपाल के प्रधानमंत्री बने तो उन पर जयप्रकाश नारायण और समाजवादी विचारधारा की छाप स्पष्ट दिखायी पड़ी. आज वह इस दुनिया में नहीं हैं. व्यक्तिगत दु:ख पहुंचा है. प्रधानमंत्री के कार्यकाल में गिरिजा प्रसाद कोइराला जब पटना आये तो उन्होंने उपेंद्र महारथि के बनाये कलाकृतियों को भी देखने आये थे. इस दौरान भी सुशील दा उनके साथ थे.
(लेखिका महाश्वेता महारथि , विख्यात कलाकार उपेंद्र महारथि की पुत्री और राजगीर बुद्ध बिहार सोसाइटी की सचिव हैं.)
भारत-नेपाल मैत्री के बड़े पक्षधर थे सुशील कोइराला
सुशील कोईराला भारत और नेपाल मैत्री के बड़ पक्षधर थे. कोइराला परिवार का नेपाल में प्रजातंत्र लाने में बड़ा योगदान रहा है. गिरिजा प्रसाद कोइराला इसके अगुआ रहे थे. सुशील कोइराला उनके परिवार के ही सदस्य थे. उन पर भी समाजवाद का अमिट छाप रहा है. नेपाली कांग्रेस की स्थापना को लेकर जो बैठक कोलकाता में हुई थी उस बैठक में डा राम मनोहरलोहिया भी उपस्थित हुए थे.
चुंकि जयप्रकाश नारायण इस बैठक में नहीं आ पाये थे इसलिए उनका लिखित भाषण पढा गया था. इन सबकी सुशील कोइराला पर गंभीर असर रहा था. वह बिहार के प्रति भी लगाव रखते थे. पटना, बनारस और दिल्ली इन जगहों से उनका बड़ा लगाव था. उनके परिवार के बासूदेव प्रसाद कोइराला सीतामढी में रहते थे, उनसे हमारी बड़ी आत्मीयता थी.
रघुवंश प्रसाद सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री

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