एक तरफ रविकांत की पत्नी और बच्चे हैं, जिनके सिर से बाप और दादा का साया उठ गया है. दूसरी तरफ रविकांत की मां लाडली देवी हैं, जिनके बेटे और पति दुनिया से चले गये. घर में मातमी माहौल पसर गया है. वहीं पुलिस सही मायने में इस केस में कुछ खास नहीं कर सकी है. पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार जरूर किया है, लेकिन मास्टरमाइंड दुर्गेश शर्मा अब भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. पुलिस का दावा है कि मुनचुन ने पुलिस के दबाव में आकर कोर्ट में सरेंडर किया, लेकिन हकीकत यह है कि उसने जान बचाने के लिए दूसरे केस में खुद कोर्ट की शरण ली है.
दरअसल, इस मर्डर केस के बाद लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दे पर पटना पुलिस चौतरफा घिर गयी है. करीब सात साल से फरार चल रहा अपराधी दुर्गेश शर्मा लगातार घटना को अंजाम दे रहा है. वहीं, इस हत्या के बाद भी उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.
रविवार को घटना के विरोध में मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने 70 फुट के पास रविवार को सड़क को जाम किया. टायर जला कर प्रदर्शन भी किया. घरवाले रंगदारी मांगनेवाले दुर्गेश शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. इसके अलावा सरकारी नौकरी व मुआवजे की भी मांग की गयी. हालांकि, समझाने-बुझाने पर जाम तो हट गया है, लेकिन लोगों में आक्रोश थमा नहीं है. वहीं, दबाव में आयी पटना पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी की.
पुलिस की विशेष टीम ने हत्या से जुड़े चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनमें दुजरा के रहनेवाले राजू कुमार, अखिलेश राय और मैनपुरा के गणेश कुमार व सुमन कुमार शामिल हैं. छापेमारी अभी जारी है. इससे पहले एक आरोपित मुनचुन कोर्ट में सरेंडर कर चुका है. वह दो दिनों के लिए पुलिस रिमांड पर है. पुलिस ने उसके घर से पिस्टल और कारतूस भी बरामद कर चुकी है. अब पुलिस के सामने दुर्गेश के गिरफ्तारी की चुनौती है.