पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा है कि भाजपा और आरएसएस को भगवान राम में कोई आस्था नहीं हैै. वे भगवान राम को एक टूल्स की तरह इस्तेमाल करना चाहते हैं. यह लोगों को स्वीकार नहीं होगा. डॉ भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि के अवसर पर हाइकोर्ट के पास आयोजित राजकीय समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. राज्यपाल व मुख्यमंत्री ने आंंबेडकर की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा व आरएसएस का धर्म और आस्था से कोई लेना–देना नहीं है. अच्छा है कि सब लोग भगवान राम के मंदिर निर्माण की तारीख पूछ रहे हैं, भाजपा तारीख बता दें. अब उत्तर प्रदेश का चुनाव आने वाला है.
इसलिए इस मुद्दे को फिर से जिंदा रखने की कोशिश शुरू कर दी है. वैसे मंदिर का निर्माण और जो स्थल है, वह तय है. मंदिर का निर्माण या तो कोर्ट के फैसले से होगा या फिर दोनों पक्षों की आपसी रजामंदी से ही होगा. इस बात को जानते हुए भी इस मुद्दे को बार-बार छेड़ते हैं. अब चारों तरफ से मांग उठ रही है कि मंदिर बनाइयेगा तो कब बनाइयेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा व आरएसएस और इनसे जुड़े हुए सभी संगठन अब मंदिर निर्माण को लेकर एक्सपोज्ड हो चुके हैं.
पत्रकारों द्वारा मधेश समस्याओं पर पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नेपाल से लोग आकर भारत में मिलते रहते हैं. इसमें कोई नयी बात नहीं है. तराई इलाके के लोग भी आकर देश के विभिन्न दलों के नेताओं से मिल रहे हैं. मिलकर उनके मन में जो बात होगी वे कहेंगे. मौके पर संतोष कुमार निराला, डॉ प्रेम कुमार, संजय पासवान, हुलेश मांझी, चन्द्र भूषण राय, छोटू सिंह, ओम प्रकाश सिंह सेतु, मुकेश सिंह, बबन रावत, कुलवंत सिंह सलूजा, अरविन्द निषाद, कंचन बाला चौधरी, डॉ नागेन्द्र प्रसाद, दीपक निषाद, बद्री नारायण राय, प्रो अरूण यादव आिद थे.