संवाददाता,पटना उच्च शिक्षा की दिशा में एक नया दौर शुरू हो गया है. बिहार के अधिकतर राज्य विश्वविद्यालय क्रेडिट ट्रांसफर की सुविधा देने के लिए पंजीबद्ध हो गये हैं. जनवरी 2025 तक बिहार के सभी परंपरागत विश्वविद्यालयों में से 11,58, 447 विद्यार्थियों के एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (एबीसी) अकाउंट बनाये जा चुके हैं. इतनी एबीसी एकाउंट में से 612248 विद्यार्थियों के एकाउंट में उनकी अंक सूची समेत अन्य उपलब्धियां जमा कर दी गयी हैं. ये संख्या उनकी विद्यार्थियों की है, जिनके नयी जगह पर नामांकन के लिए क्रेेडिट ट्रांसफर किये जा सकते हैं. एबीसी एकाउंट केवल उन्हीं विद्यार्थियों के हैं, जिन्होंने नयी शिक्षा नीति लागू होने के बाद नामांकन कराये हैं. कुल मिलाकर अब तक की स्थिति में छह लाख से अधिक विद्यार्थी कहीं भी किसी भी समक्षक विश्वविद्यालय में अपना नामांकन करा सकेंगे. उनका यह रिकार्ड ऑन लाइन होगा. नामांकन के लिए उन्हें तमाम तकनीकी बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा. नामांकन कराने क्रेडिट ट्रांसफर की समूची कवायद ऑन लाइन होगी. इधर राज्य के कुछ विश्वविद्यालय ऐसे हैं,जो अभी भी अपने समुचित विद्यार्थियों को क्रेडिट रिकार्ड (मार्कशीट एवं अन्य दस्तावेज) के साथ विद्यार्थियों की आइडी नहीं बना सके हैं. ऐसे विश्वविद्यालयों में मगध विश्वविद्यालय, मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विवि, जय प्रकाश विश्वविद्यालय, कामेश्वरसिंह दरभंगा विवि, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और नालंदा विश्वविद्यालय शामिल हैं. विश्वविद्यालय- विद्यार्थियोंं के क्रेडिट रिकार्ड की बनायी जा चुकी आइडी पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय- -174206 वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय-154310 ललित नारायण मिथिला विवि-101453 आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय- 66116 भूपेंद्र नारायण मंडल विवि-50067 पूर्णिया विश्वविद्यालय- 31135 मुंगेर विश्वविद्यालय – 15502 टीएमबी यूनिवर्सिटी- 10841 पटना विश्वविद्यालय- 7510 नोट- यह आंकड़े जनवरी 2025 तक के हैं. पिछले दो-तीन माह में इन आंकड़ों में परिवर्तन संभव है. ————– वर्जन:: क्रेडिट ट्रांसफर की व्यवस्था राज्य के सभी विश्वविद्यालय बहाल हो गयी है. जहां जितनी संख्या में एबीसी आइडी में क्रेडिड रिकार्ड मसलन शैक्षणिक दस्तावेज जमा हो चुके हैं, उतने छात्र किसी भी अन्य समकक्ष विश्वविद्यालय में क्रेडिट ट्रांसफर के लिए पात्र हो गये हैं. सभी विश्वविद्यालयों को इस दिशा में और प्रभावी तौर पर काम करना चाहिए. ताकि छात्रों को सुविधा हासिल हो सके. प्रो एन के अग्रवाल, शैक्षणिक सलाहकार ,बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद
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