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बिहार चुनाव : लालू-मोदी ने दिया निर्वाचन आयोग की नोटिस का जवाब

पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग को उसके नोटिस का जवाब सौंप दिया है. जवाब में सुशील मोदी ने कहा है कि हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुरूप […]

पटना : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और भाजपा नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग को उसके नोटिस का जवाब सौंप दिया है. जवाब में सुशील मोदी ने कहा है कि हमने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुरूप ही घोषणाएं की हैं. पटना हाइकोर्ट के अधिवक्ता सुबोध कुमार झा के माध्यम से आयोग को 18 पेज के जवाब में उन्होंने कहा है कि मेरे खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करते हुए आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप से मुङो मुक्त किया जाये. मोदी ने कहा है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी और उसके नेता का दायित्व है कि अपने राज्य के लोगों के जीवन स्तर, पोषण और स्वास्थ्य में सुधार का प्रयास करें. पार्टी के जिम्मेवार नेता होने के नाते मैंने जो घोषणाएं की हैं, वे पार्टी के दृष्टि पत्र में समाहित हैं.

वहीं, लालू प्रसाद ने आयोग को भेजे अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि मैंने बैकवर्ड-फारवर्ड की बात नहीं कही है. राममनोहर लोहिया के सिद्धांतों को माननेवाले हैं. लोहिया जी राजनीति में जो बात करते रहते थे, वहीं बातें कही गयी हैं. इसमें किसी तरह की दुर्भावना नहीं है. अगर आयोग जवाब से संतुष्ट होता है, तो ठीक है, नहीं तो वह व्यक्तिगत रूप से उपिस्थत होकर जवाब देने को तैयार हैं.

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने निर्वाचन आयोग के आचार संहिता उल्लंघन के लेकर नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि उनके बयान से न तो आचार संहिता का उल्लंघन होता है और न ही भ्रष्ट आचरण के अन्तर्गत आता है. सुशील ने मंगलवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर गत 28 सितंबर को कैमूर जिला मुख्यालय भभुआ के जगजीवन स्टेडियम में आयोजित एक सभा के दौरान प्रदेश की जनता के किए गए उक्त वादों पर निर्वाचन आयोग द्वारा गत एक अक्तूबर को जारी की गयी नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि जनता से यह कहना कि चुनाव जीतने पर महादलित बस्ती में कलर टीवी लगाया जायेगा, मैट्रिक व इंटर के 50 हजार मेधावी छात्रों को लैपटाप व गरीबों को धोती-साड़ी देने से न तो आचार संहिता का उल्लंघन होता है और न ही यह भ्रष्ट आचरण के अन्तर्गत आता है.

सुशील मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के अनेक फैसलों व राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों के अनुरु प उन्होंने जो घोषणाएं की वह आदर्श चुनाव आचार संहिता की किसी धारा का उल्लंघन नहीं है. वकील सुबोध कुमार झा की ओर से दिए गए 18 पृष्ठों के जवाब में सुशील ने चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि वह उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त कर उन्हें आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप से मुक्त करें. पार्टी के एक जिम्मेदार नेता होने के नाते उन्होंने जो घोषणाएं कि वे पार्टी की ओर से जारी दृष्टि पत्र में समाहित है. एक वरीय नेता होने के नाते दृष्टि पत्र के मुद्दों की जानकारी थी और जनता के बीच उसकी चर्चा की.

उन्होंने अपने जवाब में कहा है कि वहीं साढे सात वर्षों तक राज्य के वित मंत्री और देश भर के वित मंत्रियों के प्राधिकृत समिति के अध्यक्ष रहने के नाते वे अपनी घोषणाओं के बाबत राज्य के आंतरिक संसाधनों से भी अच्छी तरह से अवगत हैं. निर्वाचन आयोग को दिए गए जवाब में सुशील ने आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु तथा धरतीपकड़ बनाम राजीव गांधी मामले की चर्चा करते हुए कहा है कि इन मामलों में उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट फैसला दिया है कि चुनाव के समय इस तरह की घोषणाएं किसी भ्रष्ट आचरण के अन्तर्गत नहीं आती है. सुशील ने कहा कि भभुआ में उन्होंने जो घोषणाएं की थी वह किसी एक क्षेत्र के लिए नहीं बल्किसम्पूर्ण राज्य के लिए थी. ऐसे में किसी क्षेत्र विशेष के लोगों को प्रभावित करने का सवाल ही नहीं है. उन्होंने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि वह उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने तथा आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप से मुक्त करने की कार्रवाई करने की कृपा करें.

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