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नीतीश का PM पर वार, विशेष पैकेज छलावा, भरोसे की लगा दी बोली

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 18 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के लिये 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा के बारे में बुधवार को कहा कि इसमें एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की पुरानी योजनाएं है. नीतीश कुमार ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए […]

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गत 18 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बिहार के लिये 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा के बारे में बुधवार को कहा कि इसमें एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की पुरानी योजनाएं है. नीतीश कुमार ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आंकड़ों की बाजीगरी कर केंद्र द्वारा राज्य की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बिहार गणितज्ञों का धरती रही है और यहां की जनता झांसे में नहीं आने वाली है. बोली लगाने के अंदाज में दिया गया पैकेज को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री ने बिहार के लोगों के भरोसे की भी बोली लगा दी है.

नीतीश कुमार ने आज प्रेसवार्ता कर कहा कि आरा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बिहार के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा को लेकर अध्ययन का काम लगभग पूरा हो चुका है. पीएम मोदी ने एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेजिंग की बात कही है. इसमें एक लाख आठ हजार करोड़ रुपये की पुरानी योजनाएं जो स्वीकृत हैं, उसकी ही रिपैकेजिंग की गयी है. नीतीश ने कहा कि ये पैकेज नहीं रिपैकेजिंग है. यह पैकेज पॉलिटिक्स है और कुछ नहीं है. नीतीश ने कहा है कि विशेष पैकेज के तहत ज्यादा कई उन योजनाओं का जिक्र किया गया है जो देशभर में भी लागू किया जा रहा है.

विज्ञापनों के माध्यम से भ्रम फैलाने की कोशिश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार की ओर से विशेष पैकेज को लेकर ताबड़तोड़ विज्ञापन प्रकाशित किया जा रहा है. इन विज्ञापनों के माध्यम से यह प्रचार किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने बिहार के लिए बहुत बड़ी चीज दी है. नीतीश ने कहा कि विज्ञापनों के माध्यम से भ्रम फैलाकर राज्य की जनता को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है. लेकिन सूबे की जनता बहकावे में नही आने वाली है.

गणितज्ञों की धरती रही है बिहार
नीतीश ने कहा कि बिहार की धरती गणितज्ञों की रही है. राज्य की जनता आंकड़ों की बाजीगरी को बखूबी समझती है. विशेष पैकेज को लेकर जो आंकड़े पेश किये गये है उसका हिसाब यहां की जनता लगा चुकी है और मोदी सरकार के भूलावे में नही आने वाली है.

केंद्र स्पष्ट करें, पैसे कहां से आयेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष पैकेज के लिये फंड कहां से आयेगा, इसका जिक्र अब तक नही किया गया है. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रलय में इसको लेकर कोई चिंता नही है. केंद्र को कुछ करना होता तो चिंता होती. यह इस बात का प्रमाण है कि विशेष पैकेज मात्र छलावा है और कुछ नहीं. उन्होंने कहा कि राज्य पर एहसान थोपने की कोशिश की जा रही है. देश के लिये यह शुभ नही है.

अच्छे दिन जिनके आने थे, आ गये
इससे पहले भाजपा नेताओं के लोकसभा चुनाव के समय ‘अच्छे दिन’ आने के वादे के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कल कहा कि अच्छे दिन जिनके आने थे, आ गये. मैने तो अनेकों बार आंकड़े के साथ बता दिया है कि इस देश में चंद घरानों के अच्छे दिन आ गये. बाकी जिनको इसका इंतजार था उनकी आशा पर यह कहकर पानी फेर दिया गया कि अच्छे दिन की बात नहीं कही गयी थी. उन्होंने कहा कि इस तरह लोकसभा चुनाव के वक्त जो भी वादा किया गया था, उससे वे एक-एक कर मुकर जायेंगे. बिहार के लोग सचेत है, यहां आकर पैकेज का झांसा दिया गया. पैकेज की राजनीति करने की कोशिश हो रही है इसलिये हम पैकेज के सच को पूरी तरह उजागर करने के लिये उसमें वर्णित एक-एक परियोजना की सच्चाई लोगों के सामने लायेंगे.

पैकेजिंग की राजनीतिक कोशिश
बिहार को विशेष दर्जा देने को लेकर केंद्र को लिखे गये अपने पत्र की चर्चा करते हुए नीतीश ने कहा कि उन्होंने जो पत्र लिखा था उसका कोई उत्तर नही आया. हमने विशेष राज्य के दर्जा के अलावे विभिन्न क्षेत्रों में सहायता की बात की थी. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले उन्होंने विशेष राज्य के दर्जा के अलावे विशेष सहायता की बात की थी. लोकसभा चुनाव के पहले प्रधानमंत्री ने जो-जो वादा किया था, उससे धीरे-धीरे मुकर जायेंगे और पैकेजिंग की राजनीतिक कोशिश में लग जायेंगे.

कम उम्र के युवा हो रहे भ्रमित
नीतीश ने विकास मित्रों द्वारा आयोजित एक समारोह में कल कहा कि रेल का परिचालन केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आता है. रेललाइन का दोहरीकरण के लिये राशि प्रदान करना बिहार पर कृपा नहीं है. इसमें राज्य सरकार का कौन सा एहसान है. दो-दो रेल कारखाना बिहार में पहले से तय हैं. उसे अगर प्रारंभ किया जाता तो लोगों को रोजगार सुलभ होता. बिहार की लंबित रेल परियोजनाओं को शुरु किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि नयी योजनाओं में 60 प्रतिशत की राशि केंद्र सरकार देगी और चालीस प्रतिशत की राशि राज्य सरकार देगी. इसे भी केंद्र सरकार सौ प्रतिशत पैकेजिंग मानती है. नीतीश ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेजिंग के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. कम उम्र के युवा भ्रमित हो रहे हैं कि एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये की राशि में बिहार को बहुत कुछ मिल गया.

Prabhat Khabar Digital Desk
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