पटना: उत्तर बिहार के नेपाल स्थित जलग्रहण क्षेत्रों में लगातार बारिश से विभिन्न इलाकों में बाढ़ का खतरा बना हुआ है. कोसी और बागमती नदियां में बढ़ते उफान के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को अपराह्न 10.30 बजे वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बाढ़ की स्थिति की समीक्षा बैठक की. जल संसाधन विभाग के मुताबिक सोमवार को झंझारपुर में कमलाबलान और खतरनाक हो सकती है. रविवार को कई नये इलाके में पानी फैलने से स्थिति और बिगड़ गयी है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के सभी तटबंधों पर कड़ी चौकसी रखने का आदेश दिया है. बीते कुछ दिनों में हुई भारी वर्षा को देखते हुए सीएम नीतीश ने आज 7 सर्कुलर रोड में शीर्ष अधिकारियों के साथ राज्य की नदियों के जलस्तर में वृद्धि और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने तटबंध में कहीं भी कटाव की स्थिति उत्पन्न होने पर तुरंत बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराने का निर्देश दिया. उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव को संभावित बाढ़ की स्थिति में मानक संचालन प्रक्रि या के अनुसार तैयारी रखते हुए प्रभावितों के बीच राहत कार्य चलाने का भी निर्देश दिया.
जानकारी के मुताबिक पहाड़ी नदियां सड़कों को भी नुकसान पहुंचा रही हैं. फसलों को भी नुकसान पहुंचा है. सुपौल में कोसी के जलस्तर में वृद्धि से तटबंध के भीतर के गांवों में बाढ़ का पानी घुस आया है. तटबंध के भीतर बसे गांव के लोग मवेशी के साथ ऊंचे स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं. उधर, कटिहार में गंगा, महानंदा व कोसी नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि जारी है. महानंदा बांध पर भी दबाब बना हुआ है. बाढ़ नियंत्रण विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. अररिया जिले के निचले इलाकों में परमान और भलुआ नदी का पानी घुस जाने से लोग बाढ़ की आशंका से दहशत में है. कोसी में बढ़ रहे जलस्तर से मधेपुरा जिले के दो दर्जन गांवों में चारो ओर पानी ही पानी है.