पटना : बिहार सरकार ने सुशासन के लिए एजेंडा तय करने तथा अगले दस वषोंर् के दौरान प्रदेश के विकास को लेकर एक दृष्टि पत्र तैयार करने में जन सहभागिता के लिए अपने महात्वाकांक्षी अभियान बिहार एट द रेट आफ 2025 का आज शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दिमागी उपज और जनभागीदारी के जरिए एजेंडा तय करने के दुनिया के सबसे बडे इस अभियान का उद्देश्य प्रदेश के 40 हजार गांवों में निवास करने वाली चार करोड आबादी, जिसमें दस हजार सरकारी और सिविल सोसायटी सदस्य शामिल हैं, तक अगले आठ से दस सप्ताह के बीच पहुंचना है.
पटना में आज यहां आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस अभियान को जनता को समर्पित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, मेरी विकास यात्राओं के दौरान यह सुझाव आया कि ऐसा कोई तंत्र होना चाहिए जिसके जरिए जनभागीदारी और विकास संबंधी नीतियों को लेकर जनता की सोच एवं राय को जाना जा सके, उसे ही सुनिश्चित करने की परिणति बिहार एट द रेट आफ 2025 है. उन्होंने कहा कि इस अभियान के दौरान लोगों की राय जानना, उन्हें अपने विषयों तथा स्वास्थ्य, बिजली, शिक्षा, रोजगार सहित अन्य क्षेत्रों के विकास के लिए वे क्या चाहते हैं के बारे में बोलने के लिए प्रोत्साहित करना है.
नीतीश ने कहा कि बिहार निवासी, जो कि अन्य प्रदेशों और विदेशों में रह रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों में महारत हासिल किए हुए हैं, के भी विचार लिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि अगले दस वर्ष के लिए दृष्टि पत्र तैयार करने के लिए सभी के प्राप्त विचारों और राय को दस्तावेज की शक्ल दी जाएगी. दृष्टि पत्र पहले भी तैयार किए गए हैं पर उसमें जन सहभागिता को पहली बार शामिल किया गया है. नीतीश ने कहा कि यह सरकारी पहल है जिसमें कई संगठन की भागीदारी है. हमारा मकसद संवादमूलक दृष्टि पत्र के लिए जनसंवाद स्थापित करना है.