उन्होंने कहा कि सोमवार को केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव, बिक्रम के विधायक अनिल कुमार, प्रदेश भाजपा कार्यसमिति के सदस्य राम वीरेंन्द्र सिंह के साथ मनेर विधान सभा क्षेत्र की सिंधाड़ा पंचायत के सियरभुक्का गांव जाकर गजेंद्र सिंह के परिजनों से मुलाकात की. परिजनों से मिली जानकारी के अनुसार गजेंद्र सिंह पांच बीघा जमीन पट्टे पर लेकर खेती करता था.
उसके ऊपर तीन-चार लाख रुपये का कर्ज भी था. धान खरीद नहीं होने, मौसम की मार तथा कर्ज देने वालों के तकादा से परेशान होकर उसने अपने खलिहान में ही सल्फास की गोली खा कर खुदकुशी कर ली. गजेंद्र सिंह के घर से एक फर्लांग की दूरी पर जदयू के प्रखंड अध्यक्ष सह पंचायत के मुखिया का ओम साईं फूड प्रोडक्ट नामक चावल मिल है, जहां राज्य खाद्य निगम ने धान क्रय केंद्र खोला था. गजेंद्र गिड़गिड़ाता रहा, पर उसका धान नहीं खरीदा गया. कर्ज देनेवालों के दबाव व आंधी-तूफान से फसलों के नुकसान से वह पूरी तरह से टूट चुका था.

