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देर शाम रक्सौल पहुंचे सीएम, कैंप का लिया जायजा, कहा-केंद्र के साथ मिल कर नेपाल में फंसे लोगों को निकालेंगे

रक्सौल : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमें (बिहार को) आपदा से निबटने का तजुरबा है. हम भारत सरकार के साथ मिल कर नेपाल में फंसे लोगों को निकालने के लिए संकल्पित हैं. हमारी कोशिश है कि सभी भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाला जाये. इसके लिए 39 बसें नेपाल गयी हैं, जिनमें चार […]

रक्सौल : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमें (बिहार को) आपदा से निबटने का तजुरबा है. हम भारत सरकार के साथ मिल कर नेपाल में फंसे लोगों को निकालने के लिए संकल्पित हैं. हमारी कोशिश है कि सभी भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकाला जाये. इसके लिए 39 बसें नेपाल गयी हैं, जिनमें चार बसें पोखरा से लौट आयी हैं, जबकि अन्य भूस्खलन के कारण रास्ते में फंसी हैं. उन्होंने अधिकारियों को रक्सौल से सभी जिलों मुख्यालयों के लिए बसें खोलने का निर्देश दिया है. साथ ही नेपाल के वीरगंज बस स्टैंड से रक्सौल तक के लिए लोकल बस चलाने के लिए कंसुलेट जनरल, डीएम और नेपाल के अधिकारियों से बातचीत करने का निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री मंगलवार की देर शाम रक्सौल पहुंचे. यहां उन्होंने राज्य सरकार के राहत शिविर का दौरा किया. वहां मौजूद पीड़ितों से नेपाल के आपदाग्रस्त इलाकों का हाल जाना. शिविर की व्यवस्थाओं को देखा. देर रात नौ बजे के बाद मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और आवश्यक निर्देश दिया. पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि राहत कैंप में लोग आ रहे है. उनका इलाज हो रहा है और उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है.

सीएम ने कहा कि रक्सौल में दो कैंप चल रहे हैं. इनमें एक राज्य सरकार का है, तो दूसरी एसएसबी का. दोनों कैंपों के बीच एक समन्वय का ग्राफ बने, किसे क्या करना है. हमारा लक्ष्य अधिक-से-अधिक लोगों तक राहत पहुंचाने का है. बिहार को आपदा से निबटने का अनुभव है. हमने विजय कुमार चौधरी राहत शिविर का प्रभारी मंत्री नियुक्त किया है, जो नेपाल के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर राहत का काम देखेंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीधर सी को विशेष डीएम नियुक्त किया गया है, जो कार्यभार संभाल चुके है. एसएसपी के रूप में निशांत तिवारी को नियुक्त किया गया है. ये अधिकारी नेपाल के अपने समकक्ष अधिकारियों से समन्वय बना कर पीड़ितों को नेपाल से निकालने का काम करेंगे. नेपाल के अधिकारियों ने डीजीपी से संपर्क किया था कि नेपाल के सटे जिलों को सूखा राहत पैकेट भेजे. हमने निर्देश दिया है कि दो किलो चूड़ा, 250 ग्राम चीनी, नमक, पानी की बोतल भेजे. तीन हजार पैकेट बेस कैंप में बन कर तैयार है, जो लोग नेपाल से आ रहे हैं. उन्हें भी राहत का पैकेट दिया जा रहा है.

दूध उपलब्ध कराने के लिए कॉम्फेड से बात हो रही है. हमारा प्रयास है कि राहत पैकेट में दूध पाउडर भी दिया जाये. हम चाह रहे हैं कि शिविर में अधिक-से- अधिक लोग आये. प्रत्येक दिन 15 हजार पैकेट तैयार हो सकता है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे राहत सामग्री दान दें, जिसे नेपाल भेजा जा सके. हमने कंबल- टेंट भेजने का निर्णय लिया है.

भोजन नहीं, मदद करें

मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की, वो रक्सौल के आसपास में नेपाल से आ रहे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था नहीं करें. आनेवाले लोगों को राहत कैंप में भेजें यहां खाने का पर्याप्त इंतजाम है. लोग सामान दान करें, ताकि हम नेपाल के आपदा पीड़ित लोगों तक उसे पहुंचा सकें.

आज सीतामढ़ी जायेंगे मुख्यमंत्री

सीएम रक्सौल के बाद रात्रि विश्रम के लिए बेतिया जायेंगे. बुधवार को सुबह वे नेपाल भेजी जानेवाली मदद को देखेंगे. फिर हेलीकॉप्टर से सीतामढ़ी के लिए रवाना होंगे. वहां भी नेपाल भेजी जानेवाली राहत सामग्री का जायजा लेंगे व अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे.

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