संवाददाता, पटना मध्याह्न भोजन (एमडीएम) की रिपोर्ट इ-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करने में पटना जिला काफी पीछे हैं. अप्रैल-मई महीने में मिले रिपोर्ट के अनुसार करीब 250 स्कूलों की मध्याह्न भोजन की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड नहीं हुई है. जब 250 स्कूलों की मध्याह्न भोजन रिपोर्ट मांगी गयी, तो स्कूल स्तर पर विभिन्न बहना बनाये गये. कुछ स्कूलों ने किसी दिन रसोइये की अनुपस्थिति दिखायी, तो किसी ने खाद्य सामग्री नहीं होने का कारण बताया. प्रतिदिन मेनू के अनुसार खाद्य सामग्री के अलावा साग-सब्जी, अंडा और फल पहुंचाने की जिम्मेदारी एजेंसी की होती है. एजेंसी द्वारा चावल-दाल तो पहुंचा दिया जाता है, लेकिन मेनू के अनुसार साग-सब्जी, अंडा और फल प्रधानाध्यापक स्कूल के फंड या अपने पैसे से इन सब चीजों की खरीदारी करते हैं और इसका बिल एजेंसी को देते हैं. एजेंसी द्वारा जब बिल भुगतान करने में विलंब होता है तो कभी-कभी मध्याह्न भोजन पर संकट आ जाता है. इन कारणों से स्कूलों में बच्चों को मध्याह्न भोजन नहीं मिल पाता है. जबकि स्कूलों को प्रतिदिन की रिपोर्ट अपलोड करनी है. जब इसकी जानकारी मध्याह्न भोजन निदेशालय की मिली तो जिला शिक्षा पदाधिकारी सहित जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को इस पर सख्ती पर बरतने का निर्देश दिया. जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में कहा गया कि शिक्षा विभाग के बार-बार निर्देश के बाद भी स्कूल पोर्टल पर रिपोर्ट अपलोड नहीं कर रहे हैं. जिला शिक्षा के अधिकारी ने कहा कि गर्मी छुट्टी के बाद स्कूल 23 जून से खुल जायेंगे. इसके बाद सभी स्कूलों से मध्याह्न भोजन की प्रतिदिन की रिपोर्ट मांगी जायेगी. कहीं, मध्याह्न भोजन बंद होने की शिकायत मिलती है संबंधित अधिकारी या प्रधानाध्यापक पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी. एजेंसी को भी हिदायत दी गयी है कि स्कूल खुलने से पहले सभी जगह खाद्य सामग्री पहुंच जाना चाहिए.
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