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पटना : जल्द ही सभी जिलों में मौसम के अनुकूल खेती : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

किसानों व कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक हर माह के पहले मंगलवार को पर्यावरण पर एक घंटा होगी चर्चा पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में जलवायु परिवर्तन को देखते हुए फिलहाल आठ जिलों में मौसम के अनुकूल फसलचक्र की शुरुआत की गयी है. इसका विस्तार सभी जिलों में जल्द […]

किसानों व कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक
हर माह के पहले मंगलवार को पर्यावरण पर एक घंटा होगी चर्चा
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राज्य में जलवायु परिवर्तन को देखते हुए फिलहाल आठ जिलों में मौसम के अनुकूल फसलचक्र की शुरुआत की गयी है. इसका विस्तार सभी जिलों में जल्द ही कर दिया जायेगा. मौसम के बदलते प्रभाव के अनुसार उपर्युक्त फसलों को बढ़ावा देने पर खासतौर से ध्यान दिया जायेगा. किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए हर तरह से प्रयास किये जा रहे हैं. केंद्र सरकार भी किसानों के लिए काम कर रही है. साथ ही राज्य में भी कृषि की बेहतरी के लिए काम किये जा रहे हैं.
मुख्यमंत्री बुधवार को मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में राज्य के किसानों और कृषि क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रहे थे. इसमें 27 किसान प्रतिनिधियों ने समस्याएं और सुझाव रखे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत की गयी है. यह तय किया गया है कि हर महीने के पहले सप्ताह की मंगलवार को एक घंटा पर्यावरण संरक्षण से संबंधित चर्चा होगी. इसमें जो फीडबैक मिलेगा, उस पर अमल किया जायेगा. उन्होंने कहा कि बिहार के 89% लोग गांव में रहते हैं, जिनमें 76% लोगों की आजीविका का आधार कृषि है. गांवों में लोगों की सुविधाओं के लिए काम किये जा रहे हैं. हर घर बिजली उपलब्ध करा दी गयी है. हर घर तक पक्की गली-नली का निर्माण कराया जा रहा है. कृषि को बढ़ावा देने के लिए गांव तक पहुंच पथ जरूरी है.
सीएम ने कहा कि बिहार में अंडे के उत्पादन को यहां की खपत के अनुरूप बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है. गंगा किनारे के 13 जिलों में जैविक खेती की शुरुआत की गयी है. जमुई जिले में भी जैविक खेती शुरू की जायेगी. उन्होंने कहा कि टाल क्षेत्र में कुछ आइडियल मॉडल पर काम किये जा रहे हैं. इसे ज्यादा-से-ज्यादा दूसरे चौर क्षेत्रों में प्रचारित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादकता बढ़ी है, लेकिन इसे अधिक बढ़ाने की जरूरत है.
ये रहे मौजूद :-
बैठक के दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, उद्योग मंत्री श्याम रजक, जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार, सहकारिता विभाग के अपर मुख्य सचिव सहकारिता अतुल प्रसाद, वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, उद्योग विभाग के सचिव नर्मदेश्वर लाल, जल संसाधन विभाग के सचिव संजीव कुमार हंस, मनीष कुमार वर्मा, कृषि विभाग के सचिव एन. सरवण कुमार, अनुपम कुमार, गोपाल सिंह, आदेश तितरमारे समेत अन्य मौजूद थे.
मगही पान व मशरूम की खेती का हो प्रचार
सीएम ने कहा कि फसलों की गुणवत्ता बेहतर बनाने के लिए उत्तम क्वालिटी के बीज उपलब्ध कराये जा रहे हैं. जर्दालु आम व शाही लीची विशिष्ट लोगों को भेजकर इसकी विशिष्टता से अवगत कराया जा रहा है. किशनगंज के कृषि कॉलेज में ड्रैगन फ्रूट व अन्य विशिष्ट किस्मों की फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए डायरेक्ट लिंक कराये जाने की जरूरत है. लेमन ग्रास का उत्पादन बढ़ाने से नीलगाय की समस्याओं से मुक्ति पायी जा सकती है. मगही पान व मशरूम की खेती को प्रचारित करने की जरूरत है. पर्यावरण संरक्षण के लिए किसानों को पराली जलाने से रोकने के लिए प्रेरित करें.
किसानों की समस्याएं दूर करने का टास्क
मुख्यमंत्री ने कृषि, सहकारिता, पशु-मत्स्य संसाधन, उद्योग और जल संसाधन विभागों के अधिकारियों से कहा कि वे खेती से जुड़ी समस्याओं के लिए अलग से किसान प्रतिनिधियों के साथ चर्चा करें और उनकी समस्याओं का जल्द समाधान करें. सहकारिता विभाग सब्जी उत्पादक सहकारी समिति को विकसित करने के लिए काम करे. कृषि रोडमैप में भी अगर कुछ दूसरी योजनाओं को शामिल करने की आवश्यकता है, तो इसे किया जाये. सीएम ने विभागों से कहा कि वे किसानों को अधिक-से-अधिक सुविधाएं देने के लिए सुझाव दें. इसके लिए अलग कार्ययोजना तैयार की जा सकती है.

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